क्या बजरंग बली खिलाएंगे कमल

May 06 2023


कर्नाटक चुनाव में जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें करीब आ रही है, सत्तारूढ़ दल के वैचारिक दिवालियापन की पोल भी खुलती जा रही है। जब कांग्रेस ने नफरत और जहर फैलाने वाले संगठनों ’बजरंग दल’ और ’पीएफआई’ पर बैन की बात की तो भाजपा प्रचार के अगुआ ने इसे बजरंग बली से जोड़ कर एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना दिया। बात तो उन्होंने हालिया रिलीज एक प्रोपेगेंडा फिल्म ’केरल एक्सप्रेस’ की भी की पर इससे भी इतना चुनावी बुखार चढ़ता नज़र नहीं आया। अब कांग्रेस कर्नाटक के पड़ोसी राज्य गोवा का मुद्दा उठा रही है कि ’जब वहां मनोहर परिक्कर वाली भाजपा की सरकार थी तब उन्होंने राज्य में हिंदू अधिकारों की वकालत करने वाली ‘श्रीराम सेना’ के गोवा में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था, यह प्रतिबंध आज भी वहां की भाजपा सरकार के दौर में बदस्तूर जारी है।’ कांग्रेस पूछ रही है कि ’क्या यह श्रीराम पर लगाया गया प्रतिबंध है?’ पीएम के करीबी माने जाने वाले जफर सरेशवाला का वह वीडियो भी इन दिनों खूब वायरल हो रहा है, जिसमें एक चैनल को दिए गए इंटरव्यू में सरेशवाला कह रहे हैं कि ’कभी अहमदाबाद में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की हुकूमत चलती थी, यहां विहिप का सालाना जलसा होता था तो उसमें 5 लाख से ज्यादा हिंदू शामिल होते थे, प्रवीण तोगड़िया जब अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उतरते थे तो उनके साथ 200 गाड़ियों का काफिला चलता था, मोदी ने आकर इनकी दहशत खत्म कर दी।’ आज उसी बजरंग दल को भगवा स्टार एक चुनावी मुद्दा क्यों बना रहे हैं? सवाल यही सबसे बड़ा है।

 
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