क्या पुरानी पेंशन योजना बहाल होगी?

April 28 2023


इन दिनों ‘ओपीएस’ यानी ‘ओल्ड पेंशन स्कीम’ बहाल करने की मांग ने जोर पकड़ रखी है। अब तलक भाजपा इसके विरोध में दिख रही थी, पार्टी का मानना था कि ’पुरानी पेंशन योजना बहाल होने से राज्यों की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल हो जाएगी।’ पर आसन्न कर्नाटक चुनाव को देखते हुए अब केंद्र सरकार ने भी कहना शुरू कर दिया है कि ’वह नई पेंशन योजना का रिव्यू करेगी।’ दरअसल, ‘ओपीएस’ केंद्र सरकार की वह पेंशन स्कीम है जिसके तहत लाभार्थियों को उनके जीवन के आखिरी वक्त तक मासिक पेंशन मुहैया कराई जाती है। यह पेंशन राशि उस रिटायर्ड व्यक्ति के अंतिम वेतन के आधे के बराबर होती है। वहीं नई पेंशन योजना यानी ‘एनपीएस’ के तहत लाभार्थी अपनी रिटायरमेंट के वक्त अपनी निवेश की राशि का 60 प्रतिशत तभी निकाल सकता है। यह योजना 1 जनवरी 2004 से शुरू की गई थी और इसे 1 मई 2009 से स्वैच्छिक आधार पर सभी नागरिकों के लिए लागू कर दिया गया था। ओपीएस में पेंशन राशि का भुगतान सरकार करती है, जबकि एनपीएस में सरकार के साथ-साथ इसमें उस कर्मचारी का भी योगदान होता है। एनपीएस के तहत सरकार और कर्मचारी वेतन का क्रमशः 10 व 14 प्रतिशत पेंशन फंड में योगदान करते हैं। वर्तमान कर्नाटक चुनाव और आने वाले 24 के आम चुनाव में ओपीएस एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है इसे देखते हुए मोदी सरकार ने कहा कि ’वह नई पेंशन योजना यानी एनपीएस का रिव्यू करेगी और इसके लिए बकायदा एक कमेटी भी गठित कर दी गई है।’ कमेटी का फैसला तो भविष्य के गर्भ में कैद है पर जनता को यह संदेश तो दिया ही जा चुका है कि प्रधानमंत्री को पेंशन धारकों की कितनी फिक्र है।

 
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