क्या अब भाजपा में जाएंगे कैप्टन? |
October 03 2021 |
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यूं अचानक इस्तीफा देकर पंजाब का सियासी माहौल गर्मा दिया है, पीएम मोदी से उनकी निकटता को देखते हुए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वे भगवा चोला भी ओढ़ सकते हैं। वहीं आम आदमी पार्टी से भी मनीष तिवारी के मार्फत उनके तार बकायदा जुड़े हुए हैं। सिद्धू के परिदृश्य में आने के बाद से ही लगातार पार्टी में कैप्टन का विरोध बढ़ता जा रहा था, कहते हैं कि पंजाब के कोई 63 कांग्रेसी विधायकों ने उनके खिलाफ विरोध का बिगूल फूंक रखा था। कयास लगाए जा रहे हैं कि फिलहाल सुनील जाखड़ को मुख्यमंत्री पद का जिम्मा सौंपा जा सकता है। कैप्टन को इस बात का बकायदा इल्म हो चुका था कि उनके कद को कांटने-छांटने की जो पूरी मुहिम थी उसे दिल्ली का समर्थन हासिल था, जिसकी अगुवाई सिद्धू कर रहे थे। राहुल-प्रियंका भी कैप्टन की अहंकारवादी शैली से खफा-खफा थे, कैप्टन किसी की सुनते नहीं थे, बस अपनी मन की करते थे। कुछ गिने-चुने विधायकों को छोड़ कर कांग्रेस के अधिकांश विधायकों की उनके पास पहुंचने की हिम्मत भी नहीं होती थी। कांग्रेस षीर्श ने इस बात का बखूबी आकलन कर लिया था कि कैप्टन के पार्टी छोड़ने से उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव में कितना नुकसान उठाना पड़ेगा। सूत्र यह भी खुलासा करते हैं कि अगर कैप्टन ने एक बार भाजपा ज्वॉइन कर ली तो मोदी सरकार तीन कृषि कानूनों को रद्द कर कैप्टन के नेतृत्व में वहां चुनाव लड़ सकती है। क्योंकि पंजाब में भाजपा का कोई खास जनाधार नहीं है। |
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