केजरीवाल का प्लॉन पंजाब |
October 03 2021 |
अरविंद केजरीवाल नई राजनीति के एक प्रवर्तक नेता में शुमार होते हैं। पंजाब के हालिया विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने अपनी पार्टी की प्राथमिकताएं स्पष्ट कर दी है कि पंजाब चुनाव में आप की ओर से कोई भी सीएम पद का चेहरा प्रोजेक्ट नहीं होगा, यानी पार्टी कैडर को दो टूक संदेश है कि केवल और केवल वहां आप प्रणेता और उनके केजरीवाल मॉडल पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। खुदा न खास्ते अगर आप वहां सरकार बनाने की स्थिति में आ जाती है तब केजरीवाल ही तय करेंगे कि कौन बनेगा मुख्यमंत्री। हां, केजरीवाल ने इतना जरूर बता दिया है कि ’वे सीएम किसी सिख को और डिप्टी सीएम एक दलित को बनाएंगे।’ केजरीवाल की इस सोच से भगवंत मान बेहद नाराज़ हैं, वे चाहते थे कि आप अपने सीएम कैंडीडेट के तौर पर उनके चेहरे पर चुनाव लड़े। पर आप के कैडर में ही मान की उम्मीदवारी को लेकर विरोध है। पिछले चुनाव में अकाली दल का कोर वोट बैंक जट सिख आप की ओर चला गया था, आप पर कनाडा और अमेरिका में बैठे अतिवादी सोच के लोगों और संगठनों से भी समर्थन लेने का आरोप लगा था, इसकी वजह से पंजाब के लिबरल मतदाताओं ने कांग्रेस की ओर रूख कर लिया था। इस बार आप दिल्ली मॉडल यानी मुफ्त बिजली, पानी जैसे मुद्दे पर चुनाव लड़ना चाहती है। पर अभी भी पंजाब के दलित और ओबीसी कोर वोटरों का झुकाव कांग्रेस की ओर दिखाई पड़ रहा है। प्रषांत किषोर और कई टीवी चैनल अपने सर्वे में आप को इस दफे के चुनाव में नंबर वन बता रहे हैं। पर जमीनी हकीकत इससे अलग हो सकती है, ज्यादातर आंदोलनकर्मी किसानों का समर्थन अब भी कांग्रेस को हासिल है। अकालियों ने बसपा से चुनावी गठजोड़ कर भले ही गेम पलटने की कोशिश की हो, पर हिंदू वोटर्स की अनदेखी उन्हें भारी पड़ सकती है। |
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