’हम तेरी कागज की कश्ती अपनी भीगी पलकों में उतार लेंगे
वे कोई और होंगे जिन्हें बदलते मौसमों का इतना भी इल्म नहीं’
पिछले दिनों हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सीएम आवास पर अपने पुराने मित्र प्रचारकों को भोजन पर बुलाया था। भोजन का मैन्यू भी उनके एजेंडे की तरह सादगी भरा था, यानी मक्के की रोटी और सरसों के साग पर पुराने दोस्तों को न्यौता था। भोजन पर जब उनके पुराने प्रचारकों की मित्र मंडली जुटी तो मुख्यमंत्री की तारीफ होनी शुरू हुई, उनके प्रचारक मित्रों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा ’आपने तो तीनों लालों (देवीलाल, बंसीलाल व भजनलाल) के रिकार्ड को भी काफी पीछे छोड़ दिया है, हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्रित्व का आपका कार्यकाल नए कीर्तिमान स्थापित करें।’ इस पर मनोहर लाल ने शांत भाव से कहा-’10 साल पर्याप्त समय होता है, मुझे तो इतने की भी उम्मीद नहीं थी।’ फिर सीएम ने खुलासा करते हुए अपने मित्रों को बताया कि पिछले दिनों वे पीएम से मिले थे, पीएम ने उनसे छूटते ही पूछा-’मनोहर लाल जी आप खुश तो हैं?’ इस पर मैंने कहा-’मैं खुश हूं, संतुष्ट भी हूं और आपका हमेशा के लिए कृतज्ञ भी कि आपने मुझे इतना मौका दिया। मैंने तो इतना भी नहीं सोचा था कि कभी विधायक भी बनूंगा।’ फिर सीएम ने धीरे से अपने मित्रों को बताया कि ’अब अगला चुनाव लड़ने में उनकी कोई खास दिलचस्पी नहीं है।’