…और अंत में

June 06 2021


प्रधानमंत्री के लाख चाहने पर भी उनके प्रिय अधिकारी रहे पूर्व आईएएस और मौजूदा एमएलसी अरविंद शर्मा का पुनर्वास नहीं हो पा रहा है। एक तो योगी को मनाना आसान नहीं रहा कि वे शर्मा को अपना डिप्टी बना लें। जब वहां बात नहीं बनी तो शर्मा को पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोरोना संक्रमण के रोकथाम की जिम्मेदारी सौंपी गई, साथ ही उन्हें पंचायत चुनावों में भी एक महती जिम्मेदारी मिली थी। पर न तो काशी में कोरोना का प्रकोप कम हुआ और न ही यूपी के पंचायत चुनावों में भाजपा को यथोचित सफलता मिल पाई। शर्मा जी को अलग से पछतावा है कि उनकी नौकरी में अभी दो साल का कार्यकाल बचा हुआ था, काहे को फालतू में रिस्क ले लिया।

 
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