’गर्म है सूरज की तासीर अगर तो फूंक कर बुझा देते हैं
डरते हो तुम अंधेरों से यह बात दुनिया से छुपा लेते हैं’
महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार गिराने की पटकथा फरवरी 2021 में ही लिखी जा चुकी थी, नायक को प्रतिनायक बनाने वाली स्क्रिप्ट में एक अदद खलनायक के महिमामंडन की तैयारी थी, सो मुकेश अंबानी के घर के पास खड़ी स्कार्पियो से विस्फोटकों का मिलना, सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की गुत्थी को हत्या साबित करने की मुहिम और शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान की ड्रग्स मामले में गिरफ्तारी इन सबके तार किसी न किसी प्रकार महाअघाड़ी सरकार से जोड़े गए थे। पर तमाम साधनों व संसाधनों को इस लड़ाई में झोंकने वाले देवेंद्र फड़णवीस के लिए मंजिल दूर ही रही। फड़णवीस इन सियासी चक्रव्यूह में किस तरह उलझे थे कि इसकी बानगी देखिए, शाम 4.30 बजे फड़णवीस प्रेस कांफ्रेंस आहूत कर उसमें कहते हैं कि ’वे यानी भाजपा का शिंदे सरकार को बाहर से समर्थन रहेगा,’ उन्होंने मराठा आरक्षण और ओबीसी नेतृत्व का खटराग भी अलापा। शाम 5 बजे तक तय था कि शिंदे को ही शपथ होना है, चुनांचे शाम सात बजे तक मंच पर कुर्सियां भी सिर्फ दो ही लगी थीं एक शिंदे के लिए, दूसरी कुर्सी गवर्नर कोश्यारी के लिए थी। शाम 6.37 बजे भाजपाध्यक्ष जेपी नड्डा का ट्वीट आता है ’श्री देवेंद्र फड़णवीस ने बड़ा मन दिखाते हुए मंत्रिमंडल में शामिल होने का निर्णय लिया है, जो महाराष्ट्र की जनता के प्रति उनके लगाव को दर्शाता है।’ अभी फड़णवीस इस बारे में कुछ सोच भी पाते कि शाम 6.58 पर अमित शाह का ट्वीट आ जाता है कि ’भाजपाध्यक्ष के कहने पर कैसे फड़णवीस सरकार में शामिल होने को तैयार हो गए हैं जो महाराष्ट्र के प्रति उनकी सच्ची निष्ठा व सेवा भाव का परिचायक है।’ शाम 7.33 बजे फड़णवीस का ट्वीट आता है कि ’पार्टी का आदेश उनके लिए सर्वोपरि है।’ पर उनके ट्वीट से ठीक तीन मिनट पहले यानी साढ़े सात बजे मंच पर उनके लिए तीसरी कुर्सी लगा दी जाती है। फड़णवीस के ट्वीट के सात मिनट बाद यानी शाम के 7.40 मिनट पर शपथ ग्रहण समारोह शुरू हो जाता है। यानी भाजपा नेतृत्व ने अपने एक दांव से फड़णवीस को ’कट टू साइज’ कर दिया यानी वे एक बागी विधायक के नेतृत्व में काम करने को राजी हो गए।