आजम भाजपा को ऐसे हुए हजम |
June 19 2022 |
लगातार 27 महीने जेल के सलाखों के पीछे गुजारने वाले आजम खां को यूं अचानक कैसे 89 में से 88 मामलों में फौरी राहत मिल गई? ये वही आजम खान हैं जो सदैव से भाजपा के निशाने पर रहे हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो आजम को राहत दिलवाने में बरेली के एक शिक्षा व्यवसायी की प्रमुख भूमिका रही, ये जनाब पूर्व में बरेली के मेयर भी रह चुके हैं। इस व्यवसायी के घर एक रोज चुपचाप आजम खान के पुत्र और उनकी पत्नी आ धमकती हैं, जहां इनकी मुलाकात यूपी भाजपा के एक सबसे सशक्त महासचिव से होती है। वहीं डील पक्की होती है कि ’भाजपा जब चाहे आजम की मदद अखिलेश को कमजोर करने में ले सकती है, जरूरत पड़ी तो आजम को मुसलमानों की एक नई राजनैतिक पार्टी भी बनानी पड़ सकती है।’ इसके बाद इस महासचिव ने वहीं से फोन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की, योगी ने भी साफ कर दिया कि ’अगर आजम की कोई मदद हो जाती है तो उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं।’ पर आपत्ति के स्वर सुनाई दिए योगी के प्रखर विरोधी और उनके ही कैबिनेट मंत्री केशव प्रसाद मौर्य की ओर से, जिन्होंने आनन-फानन में बयान देकर कहा कि ’वे आजम खान की रिहाई का विरोध करेंगे और वह इसे जनता के बीच लेकर जाएंगे।’ कहते हैं इसके बाद मौर्य को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से कड़ी फटकार लगाई गई और उनसे कहा गया कि ’वे हर वक्त योगी को डैमेज करने की कोशिश न करें, योगी से अब उनका कोई मुकाबला नहीं है, वे कहीं बहुत आगे निकल चुके हैं।’ |
Feedback |