अब सहयोगी भी आंख दिखा रहे हैं |
January 24 2022 |
पिछले दिनों भाजपा ने यूपी में अपने गठबंधन साथियों की एकता दिखाने के लिए लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की थी। इस कांफ्रेंस में शिरकत करने के लिए जेपी नड्डा और धर्मेंद्र प्रधान भी लखनऊ पहुंच चुके थे। इस प्रेस कांफ्रेंस में अपना दल (सोनेवाल) की अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के संजय निषाद को भी नड्डा और प्रधान के साथ मंच पर रहना था। तीन बजे से यह प्रेस कांफ्रेंस आहूत थी, अनुप्रिया और निषाद दोनों ही भाजपा दफ्तर पहुंच चुके थे कि ऐन ढाई बजे अनुप्रिया ने मंच पर चढ़ने से इंकार कर दिया यह कहते हुए कि ’जब तक उनकी पार्टी के लिए टिकटों की संख्या फाइनल नहीं हो जाती वह भाजपा नेताओं के साथ मंच शेयर नहीं करेंगी।’ अफरा-तफरी मच गई, फौरन अमित शाह को लाइन पर लिया गया और उनकी अनुप्रिया से बात कराई गई। अनुप्रिया ने शाह के समक्ष अपने लिए 20 टिकटों की मांग दुहरा दी, शाह ने अनुप्रिया से कहा-’तुम मेरी छोटी बहन की तरह हो, तुम्हारे सम्मान की पूरी रक्षा की जाएगी’ सो अपना दल (सोनेवाल) के लिए 18 और संजय निषाद की पार्टी के लिए 10 टिकटों पर बात पक्की हो गई। जब कि पहले भाजपा अनुप्रिया को 15 और निषाद के लिए 4 सीटें ही भाजपा छोड़ना चाह रही थी। शाह की तरफ से पुख्ता आश्वासन मिलने के बाद ही अनुप्रिया इस प्रेस कांफ्रेंस में सम्मलित हुईं। अब भाजपा को अपनी जीती हुई सीट अनुप्रिया को देनी पड़ रही है, अनुप्रिया के लिए 2 बनारस और 1 रामपुर की सीट छोड़ी जा रही है। रामपुर से अपना दल (एस) एक मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतार रहा है। अनुप्रिया को एक सीट लखनऊ में भी मिल सकती है। संजय निषाद की भी लॉटरी लग गई है, उनके पास तो 10 सीटों पर लड़ाए जाने लायक काबिल उम्मीदवारों का भी टोटा है, सो 5 टिकट तो सीधे-सीधे धन पशुओं के कब्जे में आ गई है। यह ठीक वैसा ही एडजस्टमेंट है जैसा कि बिहार चुनाव में भाजपा ने मुकेश सहनी के वीआईपी पार्टी से गठबंधन के तहत किया था। |
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