अपने लिबरल मेकओवर में जुटा संघ

October 03 2021


’तेरी बातों में जैसे हर बात देखा है
कच्चे दीयों में मैंने अंधेरी रात देखा है
तुम कह देते तो मान लेता चांद को भी सूरज
क्यों तेरे हाथों में दुश्मनों का हाथ देखा है’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने अक्स को एक बेहतर आसमां मुहैया कराने में जुटा है। अभी नागपुर के स्मृति मंदिर कैंपस में शुक्रवार और शनिवार को दो दिवसीय संघ की समन्वय बैठक आहूत थी। इस बैठक में संघ के तमाम आनुषांगिक संगठनों के सचिवों की मौजूदगी देखी गई, भाजपा की ओर से पार्टी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी वहां कदमताल करते नज़र आए। कहने को तो केंद्र सरकार के काम-काज की समीक्षा भी इस बैठक का एक प्रमुख एजेंडा था, पर ज्यादातर समय इस बैठक में संघ के चेहरे-मोहरे को नया रूप-रंग देने की बात हुई। भले ही संघ ने अपने इस चिंतन बैठक को अनौपचारिक बताया हो पर इसमें कई गंभीर मुद्दों पर औपचारिक चर्चा हुईं। खास कर किसानों के मुद्दों को लेकर संघ नेतृत्व गंभीर दिखा, सो संघ ने अपने दोनों महत्त्वपूर्ण संगठन जो किसान हित की अलख जगाते हैं, यानी ’भारतीय मजदूर संघ’ और ’किसान सभा’ को खास तवज्जो दी। किसानों की फसलों के उच्चतम समर्थन मूल्य को लेकर संघ के ये आनुषांगिक संगठन 8 सितंबर को धरना देंगे। संघ को यह भी लगता है कि अगर किसानों से सही नेटवर्क स्थापित करना है तो इसके लिए ‘कॉपरेटिव मूवमेंट’ को ज्यादा बल देना होगा, महाराष्ट्र में यह स्पेस एनसीपी और कांग्रेस ने पहले से कवर कर रखी है। इस बैठक में यह भी तय हुआ है कि संघ अपने एक प्रमुख आनुशांगिक संगठन ’सहकारी भारती’ को और मजबूत बनाएगा और इसके आधार को भी व्यापक बनाने के प्रयास होंगे। संघ नेतृत्व जानता है कि कॉआपरेटिव आंदोलन को मजबूती देकर संघ महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जमीनी स्तर पर अपनी मजबूत पकड़ बना सकता है। इस चिंतन बैठक में एक बड़ा निर्णय लेते हुए यह भी साफ किया है कि अब वह एक बदले अवतार में लोगों के सामने आएगा, इसके लिए एक बड़ा मंत्र और ध्येय संघ ने तय किया गया है कि वह अब अपना ’लिबरल इमेज’ सामने रखेगा, मुस्लिमों के दिल में अपने प्रति सोच को बदलने का काम करेगा। पांच राज्यों में आहूत हालिया विधानसभा चुनावों में यानी यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में संघ की इसकी बदली सोच के दीदार होने शुरू हो जाएंगे। संघ प्रमुख मोहन भागवत सांप्रदायिक सौहाद्र्र को केंद्र में रख कर अपने नए आख्यानों की शुरूआत करेंगे। इस कड़ी में भागवत का पहला व्याख्यान 6 सितंबर को मुंबई में सुना-देखा जा सकता है, जब पुणे की एक संस्था ’ग्लोबल स्ट्रेटजी एंड पॉलिसी फाऊंडेशन’, राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सौहाद्र्र को लेकर एक अहम सेमिनार आयोजित कर रही है जिसमें भागवत ’राष्ट्र सर्वप्रथम’, ’राष्ट्र सर्वोपरि’ विषय पर बोलेंगे। भागवत के अलावा दो अन्य मुस्लिम वक्ता भी इस सेमिनार में अपने विचार रखेंगे, वे हैं आरिफ मोहम्मद खान और लेफ्टिनेंट जनरल सैय्यद अता हुसैन।

 
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