अपना दल को कौन अपनाएगा

June 06 2021


अपना दल (सोनेलाल) की मुखिया अनुप्रिया पटेल ने तो सियासत की सीढ़ियां बेहद जल्दी-जल्दी चढ़ी थीं और मोदी सरकार-एक में वो राज्य मंत्री की कुर्सी तक पहुंच गई थी, पर जब केंद्र में मोदी सरकार-दो का गठन 2019 में हुआ तो जाने-अनजाने भाजपा कर्णधारों ने अनुप्रिया को बिसरा दिया। भाजपा ने अनुप्रिया से यह भी प्रॉमिस किया कि उनके पति आशीष सिंह पटेल को योगी सरकार में मंत्री बनाया जाएगा, पर आशीष को सिर्फ एमएलसी की सीट से ही संतोष करना पड़ा। पिछले विधानसभा चुनाव में अनुप्रिया ने भाजपा से 15 सीटें मांगी थी, पर मिलीं उन्हें केवल 11 सीटें, जिसमें उनके 9 उम्मीदवार जीत गए। 2019 के लोकसभा में अनुप्रिया की पार्टी को मिर्जापुर और रॉबटर्सगंज की सीट दी गई, अपना दल ये दोनों सीटें जीत गई। पर फिर भी अनुप्रिया को मोदी सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया। पूर्वांचल के 17 जिलों में अनुप्रिया की जाति के कुर्मियों का असर है। पर विडंबना देखिए पीएम मोदी और सीएम योगी जब हालिया दिनों में इस नेत्री के प्रभाव वाले क्षेत्रों में दौरे पर भी गए तो उन्होंने इन्हें इस मीटिंग में बुलाना भी मुनासिब न समझा। कहते हैं इस नेत्री को आभास है कि प्रदेश में कोविड कुप्रबंधन को लेकर यहां भाजपा का ग्राफ तेजी से गिरा है, पंचायत चुनाव इसकी चुगली खाते हैं जहां 3050 सीटों में से सिर्फ 900 सीटें ही भाजपा के कब्जे में आ पाई। सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों अनुप्रिया की बातचीत सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से हुई है, 22 का चुनाव साथ लड़ने के लिए उनसे इस नेत्री ने 25 सीटों की डिमांड की है, मामला 15-17 सीटों पर बन सकता है, पर जुलाई के प्रथम सप्ताह में मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल होना है, अगर इसमें भी अनुप्रिया को नज़रअंदाज किया गया तो वे 22 में साइकिल की सवारी करना पसंद करेंगी।

 
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