सिमरत को जावड़ेकर का सहारा

May 07 2018


दिल्ली के दयाल सिंह (सांध्य) कॉलेज का नाम बदलने को लेकर भाजपा के अंदर ही तूफान मचा है, सनद रहे कि संघ विचारक और भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अमिताभ सिन्हा ने जो दयाल सिंह कॉलेज की गवर्निंग कमेटी के चैयरमैन भी हैं, उन्होंने इस कॉलेज का नाम बदलकर वंदेमातरम दयाल सिंह कॉलेज कर दिया। जिसका केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने तीव्र विरोध करते हुए कहा कि ’चाहे जो हो जाए इस कॉलेज का नाम नहीं बदला जाएगा।’ भाजपा व संघ के अंदर से ही सवाल उठने लगे हैं कि जावड़ेकर इस बात को लेकर इतनी हाय-तौबा क्यों मचा रहे हैं, जबकि यह कवायद कॉलेज का नाम बदलने की नहीं, बस उसके नाम के पहले वंदेमातरम जोड़ने की है। सूत्र बताते हैं कि जावड़ेकर से ऐसे बयान दिलवाने के पीछे केंद्रीय राज्य मंत्री हरसिमरत कौर बादल का हाथ माना जा रहा है जो यह नहीं चाहतीं कि दयाल सिंह कॉलेज के संस्थापक सरदार दयाल सिंह मजीठिया की विरासत से कोई छेड़छाड़ हो, सनद रहे कि सरदार दयाल सिंह अपने जमाने में एक प्रमुख समाज सुधारकों में शुमार होते थे, उन्होंने न सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी बदलावों को परवान चढ़ाया, बल्कि कई स्कूल-कॉलेजों की स्थापना की, द् ट्रिब्यून अखबार और पंजाब नेशनल बैंक के भी वे संस्थापक थे। सूत्र बताते हैं कि हरसिमरत दयाल सिंह मामले को हवा देकर अपने भाई विक्रम सिंह मजीठिया की छवि पर आई आंच पर पानी डालना चाहती हैं, चूंकि विक्रम सिंह मजीठिया को दयाल सिंह के परिवार से बताया जाता रहा है। चुनांचे भाई-बहन इस छवि की जोत में रौषन होना चाहते हैं।

 
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