गैंग्स ऑफ बनुछपार

March 22 2016


सैंया भए कोतवाल तो अब डर काहे का, जब से बिहार में लालू यादव की पुनर्वापसी हुई है, वहां की रंगे-फिज़ा में पुरानी रवायतों के दौर लौटने लगे हैं। भाजपा वाले इसे जंगलराज पार्ट-2 का नाम दे रहे हैं, पर इतना तो सच है कि बिहार में एक बार फिर से अपराध और अपराधियों की तूती बोलने लगी है, उनके लिए प्रदेश एक सुरक्षित चारागाह बनता जा रहा है। पिछले दिनों खुफिया तंत्रों की रिपोर्ट पर स्थानीय पुलिस ने ’गैंग्स ऑफ बनुछपार’ पर दबिश दी, राज्य के पश्चिम चंपारण जिले में यह अपराधियों का एक ऐसा संगठित गिरोह था, जो बकायदा सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव था, इसके फेसबुक पेज थे और ’व्हाट्स एप’ग्रुप थे। इसके फेसबुक पेज पर हाथों में बंदूक लिए बकायदा बदमाशों की फोटो इस टैगलाइन के साथ लगी थी-’अगर आपको भगवान से मिलना है तो बनुछपार चले आओ। बेतिया में भी बिहार पुलिस ने ऐसे ही युवा अपराधियों के ’व्हाट्स एप’ ग्रुप को टैकडाउन किया जो अपने गिरोह में शामिल होने के लिए सोशल मीडिया साइट्स का इस्तेमाल कर बेरोजगार युवकों को बहला-फुसला रहे थे और धड़ल्ले से क्राइम नेटवर्क के विस्तार में जुटे थे।

 
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