गोयल के नक्षे कदम पर गडकरी |
May 14 2018 |
वक्त है जो किसी किताब के मिसरों में कैद नहीं होता, वक्त है जो किसी इतिहास के दरवाजे की सांकल नहीं बनता और ये वक्त ही है जो सीली-सीली हवाओं के संग बह कर भी कभी भीगता नहीं, और मोदी राज में जब से मंत्रियों को यह फरमान सुनाया गया है कि वे अपने संबंधित मंत्रालयों की उपलब्धियों के बखान के लिए पत्रकारों को चारा डालें, उन्हें ज्ञान दें और सूचनाएं भी, जरूरत पड़े तो उन्हें घुमाइए-फिराइए खुश रखिए। तब से किंचित सरकार के बड़े मंत्रियों की भी भंगिमाएं बदल गई है। षुरूआत रेल मंत्री पीयूश गोयल की तरफ से हुई जब पत्रकारों के एक बड़े दल को आनन-फानन में नार्थ ईस्ट की यात्रा पर भेज दिया गया। अब गडकरी कहां पीछे रहने वाले थे, तुरंत-फुरंत एक्शन में आ गए। अपनी नेपाल यात्रा के फौरन बाद पीएम को 19 मई को लद्दाख में जो जिला सुरंग का उद्घाटन करने जाना है, तो नितिन गडकरी को लगा कि यह मौका भी है और दस्तूर भी, पत्रकारों को उपकृत कर देते हैं और उन्हें पीएम के साथ भेज देते हैं। सो, गडकरी की ओर से पीएमओ को कहा गया है कि ये पत्रकारों के जाने का इंतजाम कर दें। फौरन पीएमओ से जवाब आ गया-’ये पीएम के प्रोग्राम में नहीं है, उनके साथ केवल एएनआई और सरकारी मीडिया ही रहेगा।’ यानी पीएम ने अभी भी पत्रकारों से दूरी बना |
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