उड़ना कोई रूढ़ी से सीखे |
October 17 2016 |
सियासी उड़ान भरने में सिद्दहस्त राजीव प्रताप रूढ़ी भले ही केंद्र में मंत्री हों, पर पेशे से पायलट भी हैं, उनके पास जहाज उड़ाने का कमर्शियल लाइसेंस भी है, जिसे बरकरार रखने के लिए हर माह उन्हें कम से कम 10 घंटे जहाज उड़ाना जरूरी होता है। अब अपनी इस उलझन को दूर करने के लिए रूढ़ी ने सरकारी उपक्रम एयर इंडिया की ओर मुंह करने के बजाए एक प्राइवेट एयरलाइंस को अपनी सेवाएं देना ज्यादा मुफीद समझा है। सूत्र बताते हैं कि अपना लाइसेंस बरकरार रखने के लिए मंत्री जी ने एक निजी विमान सेवा इंडिगो का सहारा लिया है। एयर इंडिया की ओर नहीं फटकने की एक खास वजह यह हो सकती है कि चूंकि यह एक सरकारी विमान सेवा है सो यहां आरटीआई का खतरा भी निरंतर बना रहता है, कोई भी व्यक्ति महज़ एक आरटीआई दाखिल कर उनके 10 घंटों की उड़ान की जानकारियां जुटा सकता है, जबकि प्राइवेट एयरलाइंस के साथ यह बाध्यता नहीं है, कौशल विकास मंत्री के इस कौशल की दाद तो देनी ही पड़ेगी। |
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