खेत खाए गदहा, मार खाए जुलाहा

February 26 2017


यूपी के एक प्रमुख समाचार पत्र के डिजिटल एडिशन के हिंदी संस्करण के संपादक को यूपी में एक्जिट पोल प्रकाशित करने और उसमें भाजपा को आगे दिखाने के लिए गिरफ्तारी का दंश झेलना पड़ा। जबकि इस एक्जिट पोल को इस प्रकाशन समूह के केवल अंग्रेजी वेबसाइट ने प्रमुखता से दिखाया था, पर अंग्रेजी वालों का बाल बांका नहीं हुआ। अब तक यह स्पश्ट नहीं हो पाया है कि इस एक्जिट पोल का संचालन किस कंपनी ने किया। अंग्रेजी वेबसाइट को इस बारे में जो मेल प्राप्त हुआ वह drsrdi@gmail.com की ओर से भेजा गया बताया जाता है। आरडीआई से दो कंपनियों की ओर इशारा जाता है, इसमें से एक कंपनी रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंटरनेशनल है, जिसके एमडी राजीव गुप्ता नामक एक शख्स हैं, जिनका दावा है कि उनकी कंपनी कोई सर्वे का काम करती ही नहीं है, यह तो मानव संसाधन को प्रशिक्षित करने का काम करती है। आरडीआई से दूसरी कंपनी रिसर्च एंड डेवलपमेंट इनीशिएटिव है, जिसे अमित शाह के करीबी माने जाने वाले देवेंद्र कुमार चलाते हैं, पर वे भी ऐसे किसी एक्जिट पोल के बारे में अनभिज्ञता जाहिर करते हैं। कहते हैं इस एक्जिट पोल के प्रकाश में आने के बाद चुनाव आयोग ने कोई 15 स्थानों पर एफआईआर दर्ज करवाई और गाजियाबाद के एक थाना की पहल पर रातों रात उस हिंदी संपादक की गिरफ्तारी हो गई।

 
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