डिजिटल होता कमल |
September 03 2017 |
मोदी और शाह की जोड़ी अपने माइक्रो मैनेजमेंट के लिए ख्यात है। सो इस दफे जब मानसून सत्र की समाप्ति के बाद मोदी और शाह ने भाजपा सांसदों की क्लास ली तो मोदी का अपने सांसदों से इस बात पर खास जोर था कि सांसदगण अपने काम-काज का प्रचार सोशल मीडिया पर जरूर करें। मोदी का कहना था कि सांसदों का यह कर्तव्य है कि वे केंद्र सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों को सीधे जनता तक पहुंचाए और इसके लिए जरूरी है कि वे अपने मोबाइल में ’माई गॉव डॉट इन’ या ’मोदी ऐप्प’ को डाउनलोड करें और इसके सटीक इस्तेमाल से वे केंद्र सरकार और जनता के बीच एक सेतु का काम कर सकते हैं। सनद रहे कि मोदी ऐप्प में एक स्पेशल फीचर माई नेटवर्क है। मूलतः यह एपल कंपनी के सीईओ टिम कुक का आइडिया था जिन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान यह खास तोहफा पीएम मोदी को दिया था, यह ऐप्प आइओएस व एंडरॉयड दोनों ही प्लेटफॉर्म पर बखूबी काम करता है। माई नेटवर्क मोदी का अपना निजी ब्रह्मांड है जहां वे ज्यादा से ज्यादा लोगों से जुड़कर उनसे सीधा संवाद स्थापित कर सकते हैं। मोदी ने अपने चाहने वालों का अलग-अलग ग्रुप बनाया हुआ है, ग्रुप के मेंबर प्राइवेट रूप से मोदी से चैट कर सकते हैं और ट्विटर की तरह यहां कोई शब्द सीमा भी नहीं है। यहां पर यूजर या फॉलोअर के लिए रिवार्ड अंकों का भी प्रावधान है। सबसे ज्यादा 5 हजार या उससे ज्यादा रिवार्ड प्वाइंटस बटोरने वाले को ’सुपर फैन’ का तमगा मिलता है और इनके लिए ’ऑरेंज टिक’ का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को भी सुपर फैन का यह तमगा हासिल है। 2000 तक प्वाइंट हासिल करने वाले मोदी फैन को ’आई नो इट ऑल’ का बैज मिलता है तो 1000 अंक बटोरने वाले फैन को ’द एक्स प्लोरर’ के बैज से संतोष करना पड़ता है। |
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