…और अंत में

November 17 2015


समझा जाता है कि भाजपा के असंतुष्ट बुुजुर्गों का साझा बयान तैयार करने वाले अरूण शौरी ही थे, उन्हें प्रशांत किशोर से मिलने के बाद यह प्रेरणा प्राप्त हुई। वहीं पार्टी के बुजुर्ग नेताओं को मनाने की कवायद के तहत मोदी के चाणक्य माने जाने वाले अरूण जेटली पहले मुरली मनोहर जोशी और बाद में लालकृष्ण अडवानी से मिले। हालांकि मुलाकात का बहाना तो इन बुजुर्ग नेताओं को अपनी बेटी के विवाह का आमंत्रण देना था, सनद रहे कि इसी दिसंबर में जेटली की वकील पुत्री का ब्याह उन्हीं के लाॅ-फर्म में काम करने वाले उनके एक साथी वकील से तय हुआ है। पर सूत्र बताते हैं अपनी पुत्री के विवाह का कार्ड देने के बहाने जेटली ने इन बुजुर्ग नेताओं के साथ संवाद के द्वार खोल दिए हैं, और डैमेज कंट्रोल की बानगी पर इन बुजुर्गों की मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचारने का आष्वासन भी दे डाला है।

 
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