कांग्रेस पर 300 करोड़ का क़र्ज़ |
December 01 2014 |
सियासत का दस्तूर भी क्या निराला है, कल तक जो कांग्रेस देश के बड़े थैलीशाहों को अपने अंगुलियों के इशारों पर नचाती थी, आज उसका खााना खाली है। पार्टी को पैसे की भारी किल्लत है, और इस किल्लत की शुरूआत 2014 के आम चुनावों के वक्त से हो गई थी, जब वक्त की नब्ज को पढ़ते हुए देश के बड़े औद्योगिक घरानों ने कांग्रेस से मुंह फेरना शुरू कर दिया था, इसका नतीजा यह हुआ कि पार्टी बैंक के क़र्ज़ में डूबती चली गई। सूत्र बताते हैं कि आज कांग्रेस पार्टी के ऊपर अलग-अलग बैंकों के कुल 300 करोड़ रुपयों के ओवरड्राफ्ट हो गए हैं। पार्टी ने जिन लोगों पर फंड जुटाने की जिम्मेदारियां डाली थी वे ‘सिफर’ साबित हो रहे हैं। राहुल की नई टीम में कोई भी ऐसा खेवनहार नहीं जो पार्टी की डूबती उम्मीदों को सहारा दे सके। सो, सोनिया गांधी ने तय किया है कि पार्टी के नए फंड मैनेजरों को चलता कर उनकी जगह अपने पुराने भरोसेमंदों पर ही फिर से भरोसा दिखाया जाए, सो सोनिया के पुराने सिपहसलार अब फिर से नए रंग में नज़र आने लगे हैं। |
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