अब अहम न रहे अहमद |
November 28 2017 |
गुजरात में कभी कांग्रेस के सर्वशक्तिमान अहमद पटेल की तूती बोलती थी, गुजरात से जुड़े तमाम बड़े फैसलों पर उनका एकछत्र राज हुआ करता था। पर जब से कांग्रेस में कमान बदलने की प्रक्रिया शुरू हुई है और सोनिया की जगह राहुल गांधी तमाम बड़े फैसले लेने लगे हैं, अहमद पटेल के आभामंडल पर भी ग्रहण लगता जा रहा है। गुजरात में कभी आदिवासी व मुस्लिम केंद्रित राजनीति करने वाली कांग्रेस ने इस दफे राज्य में सॉफ्ट-हिंदुत्व का चोगा ओढ़ लिया है। इससे राज्य का मुस्लिम समुदाय किंचित नाराज़ हैं, पर असहाय हैं कि वे कांग्रेस का दामन छोड़कर जाएं तो जाएं कहां। वहीं हिंदुत्व के नए उद्घोष में आकंठ डूबे राहुल ने न तो अब तलक नमाजी टोपी पहनी है, न किसी दरगाह में मन्नत मांगने गए हैं और न ही किसी मस्जिद की अज़ान से अपने स्वर मिलाए हैं। इससे उलट राहुल अब मंदिरों की परिक्रमाएं कर रहे हैं और अपने को सच्चा हिंदू साबित करने की बेहद आपाधापी में है। कांग्रेस की पहली लिस्ट जारी हो चुकी है और इसमें सिर्फ दो मुस्लिम उम्मीदवारों को ही टिकट दिए गए हैं। सबसे ज्यादा टिकट तो अल्पेश ठाकोर, जिग्नेश मवाणी और हार्दिक पटेल के कहने पर दिए गए हैं। राज्य की ज्यादातर मुस्लिम आबादी पाटीदारों को गुजरात दंगे का सबसे बड़ा खलनायक मानती हैं और राहुल हैं कि हार्दिक पर दिल लुटा रहे हैं, सियासत का यह दस्तूर निराला है, नए मिलते हैं, तो पुराने बेगाने से लगने लगते हैं। |
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