चिदंबरम के ’लैटर बम’ के निशाने पर सोनिया

September 25 2017


ऐन वक्त जबकि पी.चिदंबरम के पुत्र कार्त्ति चिदंबरम के ऊपर कानून का शिकंजा निरंतर कसता जा रहा है, वैसे भी मोदी सरकार के निशाने पर हैं अपने बड़बोलों के लिए मशहूर चिदंबरम। सत्ता में रहते हुए चिदंबरम ने हर मुद्दे पर भाजपा पर सदैव तीखा हमला बोला था। सो, जब इस बार चिदबंरम चंहुओर से घिर गए और उनके पुत्र के जेल जाने के आसार बढ़ने लगे तो उन्होंने सोनिया व राहुल से मिलने का समय मांगा। चिदंबरम इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित थे कि उनके पुत्र के बचाव में कांग्रेस पार्टी या उसका कोई भी नेता सामने नहीं आ रहा है। सूत्र बताते हैं कि इसके बाद पीसी ने सोनिया गांधी से फोन पर बात करनी चाही, पर सोनिया लाइन पर नहीं आईं। राहुल गांधी के अमेरिका रवाना होने से तीन दिन पहले से पीसी उनसे मिलने का समय मांग रहे थे, पर उनके अनुग्रह और फरियाद को जब गांधी परिवार ने अनसुना कर दिया तो आपे से बाहर हो गए चिदंबरम ने (सूत्रों के मुताबिक) कांग्रेस अध्यक्षा को एक तीखा पत्र लिखा, जिसका मजमून था कि ’अगर उनका बेटा जेल चला गया तो यह किसी के लिए ठीक नहीं होगा, न उनके लिए, न पार्टी के लिए और न गांधी परिवार के लिए।’ चिदंबरम का इस पत्र में कहना था कि मंत्री रहते हुए उन्होंने जो कुछ किया, उसमें उन्होंने गांधी परिवार की हर आज्ञा को शिरोधार्य किया है, और उन्होंने सरकार, पार्टी व गांधी परिवार के लिए ही सब कुछ किया है। वे राजनीति छोड़ सकते हैं पर अपने पुत्र का त्याग नहीं कर सकते।’ जाहिर है चिदंबरम के पत्र की भाषा में विद्रोह की गूंज साफ सुनाई दे रही थी, इससे पहले कि उनका विद्रोह कोई आकार ले पाता उन्हें 10 जनपथ से मिलने का बुलावा आ गया। उन्हें समझाया गया कि वे पार्टी के इतने वरिष्ठ नेता है, सो उन्हें ऐसी भाषा शोभा नहीं देती। इसके बाद दोनों ओर से भावानात्मक विचारों के आदान-प्रदान हुए और अगले ही रोज कांग्रेस पार्टी चिदंबरम और कार्त्ति चिदंबरम के बचाव में सामने आ गई, बकायदा प्रेस-कांफ्रेंस कर कांग्रेस को पीसी और उनके पुत्र का बचाव करना पड़ा।

 
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