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Posted on 20 November 2012 by admin
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Comments Off on (English) Sangh’s baithak in Delhi?
Posted on 05 November 2012 by admin
प्रणब दा ने भले ही सक्रिय राजनीति से तौबा कर ली हो पर उनके बच्चों में राजनैतिक महत्वाकांक्षाएं खूब परवान चढ़ रही हैं। उनके पुत्र अभिजीत तो पहले विधायक और अब जंगीपुर संसदीय सीट से सांसद बन कर अपने राजनैतिक होने का प्रमाण दे ही चुके हैं। पर जंगीपुर से चुनावी जंग में उन्हें खासी मशक्क्त करनी पड़ी और वे बमुश्किल वहां से सिर्फ ढाई हाार वोटों से जीत दर्ज कर पाए। रही बात प्रणब दा की तो वे अपने बेटे की तुलना में अपनी बेटी को ज्यादा पॉलिटिकल मानते हैं। पर पुत्र की इच्छा के आगे उन्हें झुकना पड़ा। अब उनकी पुत्री अपने भाई द्वारा रिक्त की गई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती थी तो राजनैतिक मर्यादाओं की दुहाई देकर प्रणब दा ने साफ कर दिया कि एक परिवार के दो लोगों को राजनीति में नहीं होना चाहिए।
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Posted on 05 November 2012 by admin
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Posted on 30 October 2012 by admin
भारतीय जनता पार्टी को अपने इतिहास में पहली दफा एक महिला अध्यक्ष मिल सकती है। सूत्रों की माने तो पार्टी के अगले अध्यक्ष के तौर पर जिन तीन नामों पर विचार हुआ वे हैं सुषमा स्वराज, अरूण जेटली और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पारिक्कर। मनोहर पारिक्कर के नाम को सिर्फ इस वजह से खारिज कर दिया गया है कि वे एक छोटे से राज्य गोवा से आते हैं, और राष्ट्रीय परिदृश्य में स्थापित होने में उन्हें वक्त लग सकता है। और अगले पार्टी अध्यक्ष की रहनुमाई में ही अगला लोकसभा चुनाव लड़ना है। सो, मिडिल क्लास में सुषमा की मास अपील को देखते हुए संघ ने एक तरह से तय कर लिया है कि फिलवक्त पार्टी के पास उनसे बेहतर कोई और च्वॉइस नहीं है। अगर सुषमा पार्टी अध्यक्ष बनती हैं, ऐसे में राजनाथ सिंह का नाम अगले नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मजबूती से उभर सकता है।
Posted on 30 October 2012 by admin
मनमोहन मंत्रिमंडल का आज होने वाला यह बहुप्रतीक्षित फेरबदल पहले दशहरा के बाद 26 तारीख को होने वाला था। इसके लिए बकायदा राष्ट्रपति महोदय से भी जरूरी अनुमति ले ली गई थी। पर स्पेन के राजा के भारत यात्रा को देखते हुए फेरबदल को दो दिन आगे यानी 28 तारीख के लिए खिसका दिया गया। क्योंकि राष्ट्रपति भवन के गॉर्डस स्पेन के राजा की सेवा में तैनात थे, उन्हें इतना भी वक्त नहीं मिल पा रहा था कि वे आराम कर सकें या अपनी ड्रेस बदल सके, और जब भी अशोक हॉल में नए मंत्रियों को शपथ लेनी होती है तमाम आमंत्रित मेहमानों को अशोक हॉल तक लाने का जिम्मा इन्हीं गॉर्डस का होता है। चुनांचे सिर्फ राष्ट्रपति के गॉर्डस की वजह से मंत्रिमंडल के विस्तार कार्यक्रम को दो दिन आगे खिसकाना पड़ा।
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Posted on 17 October 2012 by admin
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Comments Off on (English) The Vibhishan of the Congress
Posted on 17 October 2012 by admin
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Comments Off on (English) The Bahadur Shah of the Congress
Posted on 08 October 2012 by admin
अब सबसे बड़ी समस्या तो इन सलाहकारों के ऑफिस स्पेस को लकर आ रही है। यह अधिसूचना जारी होते ही मुकुल राय ने कांग्रेसी मंत्री मानस भुइयां द्वारा रिक्त किए गए उनके सिंचाई मंत्रालय के दफ्तर पर अपना कब्जा जमा लिया। बाकी सलाहकारों को कहां उनके चैंबर आबंटित किए जाएं इसको लेकर बंगाल के अफसर परेशान हैं। वहीं राज्य सरकार के मंत्रिगण भी अपनी घटी हैसियत को लेकर चिंतित हैं क्योंकि उन्हें अब अपने हर निर्णय को स्वीकृत कराने और उसे सीएम के पास भेजने से पहले अपने विभाग के एडवाइार से दस्तख्त लेने ारूरी हैं। वहीं अगर एडवाइार चाहे तो वह संबंधित मंत्री से पूछे बगैर डिपार्टमेंट को कोई भी आदेश देने के लिए स्वतंत्र हैं।
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Posted on 25 September 2012 by admin
भले ही ‘एम’ फैक्टर ने यूपीए सरकार की जान बचा दी हो पर सच्चाई तो यह है कि प्रमुख विपक्षी दल भाजपा भी अभी मनमोहन सरकार को गिराने की इच्छुक नहीं है। भाजपा के अंदर यह एक तरह से तय हो गया है कि पार्टी संसद के आगामी सत्र का बायकॉट नहीं करेगी और संसद सुचारू रूप से चले इसमें अपना सकारात्मक योगदान भी देगी। भाजपा जानती है कि ज्यों-ज्यों वक्त गाुरेगा जनता के बीच यूपीए सरकार की और किरकिरी होगी। भाजपा अभी से एनडीए से दीगर कई अन्य दलोंसे यह तालमेल बिठाने में जुट गई है कि यूपीए सरकार की कई महत्त्वाकांक्षी विधेयकों को किस मानिंद सदन के फ्लोर पर धाराशायी किया जा सके। इसके अलावा भाजपा यह भी चाहती है कि किसी भांति अगले वर्ष संसद के बजट सत्र से पहले यह सरकार गिराई जा सके।
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Posted on 25 September 2012 by admin
मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार के डेमेज कंट्रोल टीम को नए सिरे से गठित किया है। पीएमओ से तमाम टकराहटों के बावजूद अहमद पटेल को टीम के कैप्टन की कुर्सी सौंपी गई है। प्रणब दा की जगह पी.चिदंबरम टीम में नए-नए शामिल हुए हैं। वैसे तो टीम में शिंदे भी शामिल हैं पर उनके पल्ले ज्यादा काम नहीं है। पवन बंसल के नीचे दो एक्टिव लोग राजीव शुक्ला और नारायणसामी लगा दिए गए हैं। राजीव शुक्ला टीम के सबसे एक्टिव मेंबर में शुमार होते हैं। जब रात ढलती है तो टीम के काम-काज का सवेरा होता है। रात दस बजे के बाद टीम के नेताओं को एक नेता से दूसरे नेता के दरवााों पर दस्तक देते देखा जा सकता है।
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