Posted on 06 November 2011 by admin
एक प्रमुख अंग्रेजी चैनल के हेड (जिन पर शरद यादव ने संसद में खुलेआम हल्ला बोला था) की नौकरी खतरे में है। देश के सबसे बड़े मीडिया समूहों में शुमार होने वाले इस चैनल के मालिकों ने अपने चैनल प्रमुख के प्रति सख्त रवैया अख्तियार कर लिया है। समझा जाता है कि चैनल ने पीएफ घोटाले में एक जिला न्यायालय के जज की फोटो दिखाने के बजाए जस्टिस पी.वी.सावंत का फोटो दिखा दिया, सावंत प्रेस काऊंसिल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। सो, उन्होंने झट से 100 करोड़ के मान हानि का दावा चैनल पर ठोक दिया है, इस मामले में निचली अदालतों व हाईकोर्ट में मुंह की खाने के बाद चैनल के मालिक सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे हैं, कोर्ट ने चैनल को 20 करोड़ नकदी तथा 80 करोड़ की बैंक गारंटी जमा करने को कहा है। अब चैनल मालिकों को लग रहा है कि केंद्र सरकार के इतने मुखर विरोध का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है। गोया यह मामला अभी अदालत में लंबित है बावजूद इसके मालिकगण अपने चैनल हेड को बाहर का रास्ता दिखाने पर आमादा हैं।
Posted on 30 October 2011 by admin
अमर सिंह से मिलने जो भी जा रहा है उनसे वे यह कहने में नहीं हिचक रहे कि सोनिया जी की कृपा से ही उन्हें बेल मिली है, वैसे भी अमर ने कांग्रेस को दिवाली की डेडलाइन दे रखी थी कि या तो दिवाली तक बेल करवाओ अन्यथा उनकी चुप्पी कभी भी टूट सकती है।
Posted on 24 October 2011 by admin
पीएमओ व दस जनपथ में जब से पुलक चटर्जी की तूती बोल रही है, खासकर प्रधानमंत्री कार्यालय की कमान जब से उन्होंने अपने हाथों में ली है, टी.के.ए.नायर अब उतने महत्त्वपूर्ण नहीं रह गए हैं और न ही पीएमओ में काबिज मलयाली लॉबी ही अब उतनी असरदार रह गई है। सो नायर अब अपने लिए नई भूमिका तलाशने का उपक्रम साध रहे हैं। सो मुमकिन है कि उन्हें जल्द ही गवर्नर बनाया जा सकता है और राजस्थान का चार्ज दिया जा सकता है पर प्रधानमंत्री नायर को दिल्ली ही रखने के पक्ष में हैं।
Posted on 16 October 2011 by admin
2जी मामले में कोर्ट के समक्ष सीबीआई ने बयान दिया है कि वह कनिमोझी की जमानत अर्जी का विरोध नहीं करेगी। यानी यूपीए सरकार अब सीधे-सीधे डीएमके के दबाव में दिखती है, और अब इस बात के भी संकेत मिलने लगे हैं कि जयललिता के संग कांग्रेस की खिचड़ी पकी नहीं, सो अब उन्हें फिर से करुणानिधि के ही रहमोकरम पर रहना पड़ेगा।
Posted on 16 October 2011 by admin
अडवानी की यात्रा में येदुरप्पा का स्वागत नहीं है, क्योंकि अडवानी के परम सारथी अनंत कुमार घोषित येदुरप्पा विरोधी हैं। अडवानी का रथ 31 अक्तूबर कर्नाटक में प्रवेश करेगा। पर अनंत कुमार व कर्नाटक भाजपा प्रमुख ई.एस.ईश्वरप्पा ने तय किया है कि येदुरप्पा रथ के आसपास भी नहीं फटकेंगे। जबकि पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर अनंत कुमार का जवाब होता है कि यह तो पार्टी कोर कमेटी तय करेगी कि किसको बुलाया जाना है, किसको नहीं।
Posted on 16 October 2011 by admin
अडवानी की यह रथ यात्रा में भले ही उन्हें भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय करवाए या नहीं, पर यह यात्रा उनका उत्तराधिकारी जरूर तय कर देगी। अडवानी की इस यात्रा से पहले उनके घर में कोहराम मचा था, उनकी पत्नी कमला चाहती थीं कि अडवानी के साथ यात्रा में उनके पुत्र जयंत जाएं ताकि जयंत के लिए भगवा राजनीति के द्वार खुल सके। वहीं अडवानी पुत्री प्रतिभा का स्पष्ट तौर पर मानना था कि जयंत राजनीति के लिए ‘फिट’ नहीं है, सो मां के नहीं चाहने के बावजूद प्रतिभा अपने पिता के साथ रथ यात्रा पर हैं, प्रतिभा तो पहले से भी दादा (अडवानी) की दुलारी है।
Posted on 16 October 2011 by admin
2जी के बाद पीएमओ का यह दूसरा सबसे बड़ा टॉप सीक्रेट नोट है जो सत्ता के गलियारों में धमाल मचा रहा है, यह ‘स्टॉक एक्सचेंज रेग्युलेटर’ को लेकर प्रधानमंत्री की सख्त टिप्पणी है, कहा जाता है कि इस रेग्युलेटर की बहाली से लेकर इसको दिशा निर्देशित करने में पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम की एक महती भूमिका रही है।
Posted on 11 October 2011 by admin
…और अंत में
अन्ना भी प्राइवेट प्लेन व हेलिकॉप्टर के लोभ का संवरण नहीं कर पा रहे, एक कंपनी के प्राइवेट प्लेन की सेवाएं उन्होंने हालिया दिनों में सिर्फ इस वजह से स्वीकार कर लीं कि उन्हें अष्टमी के रोज रालेगण सिध्दि वापिस लौटकर वहां पूजा करनी थीं।
Posted on 11 October 2011 by admin
2जी मामले में जिस तरह डीएमके के ए.राजा और कनिमोझी की गर्दन फंस रही है, और पिछले दिनों जिस तरह सीबीआई ने इन दोनों नेताओं पर नए आरोप तय किए हैं उससे इनकी सजा की मियाद सात वर्ष से बढ़कर आजीवन कारावास में तब्दील हो सकती है। करुणानिधि इसे एक तरह से कांग्रेस का षडयंत्र मान रहे हैं और उन्होंने आनन-फानन में पार्टी कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाई है, जिसमें यूपीए सरकार को समर्थन जारी रखने के मुद्दे पर विचार हो सकता है। वैसे भी तमिलनाडु में स्थानीय निकायों के चुनाव सिर पर हैं, ऐसे में डीएमके को अपनी डूबती साख बचाने के लिए कोई बड़ा फैसला लेना ही होगा।
Posted on 11 October 2011 by admin
प्रोफेसर रामगोपाल यादव मुलायम के भ्राता हैं और यादव बिरादरी के पढ़े-लिखे लोगों में शुमार होते हैं, पर उनका अमरीका प्रेम है कि आए दिन सिर चढ़कर बोलता है, प्रोफेसर साहब पिछले एक हफ्ते से एक संसदीय शिष्टमंडल में शरीक होकर अमरीका में हैं, इस दल में पी.जे.कुरियन और रहमान खान भी शामिल हैं। युनाइटेड नेशंस में प्रोफेसर साहब दो बार बोल चुके हैं और अब न्यूयॉर्क से वाशिंगटन जाने की तैयारी में हैं, जाहिर है वे वहां भी बोलेंगे। पर जहां बोलना है वहां तो बोल नहीं रहे, उनके पार्टी जनों की शिकायत है कि चुनाव तो यूपी में हो रहे हैं और राम गोपाल जी अमरीका में अपनी प्रोफेसरी झाड़ रहे हैं।