Posted on 20 February 2012 by admin
पिछले दिनों माननीय राष्ट्रपति के विधायक पुत्र राव साहब शेखावत की गाड़ी से महाराष्ट्र पुलिस को चेकिंग के दौरान एक करोड़ की नकदी मिली। राज्य पुलिस एनसीपी के आर.आर. पाटिल के अधीन आती है, सो मामले को रफा-दफा करने में आर.आर.पाटिल की सक्रियता देखते ही बनती थी, पहले कहा गया कि इन नोटों के बंडलों को किसी ने गाड़ी में रख दिया। फिर बयान आया कि महाराष्ट्र के निकाय चुनावों में 87 गरीब उम्मीदवारों को बांटने के लिए यह पार्टी का पैसा था, मगर कांग्रेस के किसी भी पदाधिकारी ने इस बयान को अब तक कंफर्म नहीं किया है।
Posted on 20 February 2012 by admin
स्टिकर बम तकनीक का इस्तेमाल भले ही भारतीय महाद्वीप में पहली बार हुआ हो, पर आतंकियों की यह तकनीक कुछ भी नई नहीं है। म्युनिख ओलंपिक के दौरान दो लोगों को इसी तकनीक से मारा गया था। ये आतंकी मिडल ईस्ट के रहने वाले थे और इजराइल से स्पीड बोट के सहारे आए थे। वे भागकर खेल गांव स्थित अपार्टमेंट में पहुंचे और उन दोनों लोगों की शिनाख्त कर उनके फ्लैट्स पर स्टिकर बम चिपका कर रफु चक्कर हो गए, इस बम से हुए विस्फोट में दो लोग मारे गए थे।
Posted on 07 February 2012 by admin
Leider ist der Eintrag nur auf English verfügbar.
Posted on 31 January 2012 by admin
जस्टिस दलबीर भंडारी ने अब इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में बतौर जज जाने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी है क्योंकि कानून मंत्रालय ने उनकी यह फाइल स्वीकृत कर ली है।
Posted on 24 January 2012 by admin
आर्मी चीफ के उम्र विवाद पर अपनी खासी किरकिरी करा चुकी केंद्र सरकार अब अपना हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है, देश दुनिया में यह पहला मौका है जबकि कोई निवर्तमान आर्मी प्रमुख अपनी ही सरकार के रक्षा मंत्रालय के खिलाफ कोर्ट में गया हो। कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक में सेना प्रमुख की जन्मतिथि के मुद्दे पर किंचित गंभीरता से विचार हुआ। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि एक तरह से सरकार ने लगभग तय कर लिया है कि माननीय राष्ट्रपति इन्हें जाने के लिए कह सकती है, वैसे भी आर्मी प्रमुख सिंह का कार्यकाल-2 वर्ष के ऊपर हो गया है, और किसी आर्मी प्रमुख के कार्यकाल की अवधि नियत नहीं होती, यह तो देश के राष्ट्रपति के ऊपर निर्भर है (जो कि तीनों सेनाओं का प्रमुख होता है) कि वह कब तक अपने सेनाध्यक्ष की सेवा लेना चाहते हैं। अमूमन इनकी रिटायरमेंट तक इनकी सेवा लेने की परंपरा है। पर कुछ खास परिस्थितियों में राष्ट्रपति अपने अधिकार का प्रयोग कर इनकी रूखसती पर मुहर लगा सकता सकती हैं। समझा जाता है कि यूपीए सरकार की इस मामले में राष्ट्रपति से पहले ही बातचीत हो चुकी है, बस इंतजार मुकदमे की पहली सुनवाई का है।
Posted on 11 January 2012 by admin
सूत्र बताते हैं कि इस दफे के यूपी चुनाव में भाजपा का बजट तकरीबन ढाई सौ करोड़ रुपयों का है।
Posted on 27 December 2011 by admin
आखिर जनवरी में लोकपाल पर संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया गया? संवैधानिक आग्रहों व परंपराओं के मुताबिक नए वर्ष का पहला सत्र राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू होता है। इसके बाद के तीन दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के लिए सुरक्षित रहते हैं। सो, ऐसे में संसद के इस विशेष सत्र में लोकपाल होता तो आखिर माननीय राष्ट्रपति अपने अभिभाषण में क्या कहतीं। और इसमें जाहिरा तौर पर सरकार की नीतियों की झलक दिख जाती। सो, सरकार ने लोकपाल पर विशेष सत्र आहूत करने की बजाए मौजूदा सत्र को ही आगे बढ़ाना श्रेयस्कर समझा।
Posted on 11 December 2011 by admin
आनंद शर्मा की गिनती चाहे कितनी भी अकड़ू मंत्रियों में होती हो वे दस जनपथ के अब भी दुलारे बने हुए हैं। अब जबकि विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा के सिर खनन मामलों की तलवार लटक रही है, स्वयं कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी को इस बात की वकालत करते सुना गया कि कृष्णा की जगह आनंद शर्मा को विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। अब जब स्वयं चाहेंगे युवराज तो क्यों नहीं होगा शर्मा के सिर ताज?
Posted on 11 December 2011 by admin
दिल्ली के निगम पार्षदों का का स्टिंग तो जून में ही हो चुका था, उसके बाद से लगातार सौदे-मसौदों का बाजार गर्म था। जयश्री पंवार का स्टिंग कराने में दिल्ली के एक सांसद व सियासी खेल में माहिर एक केंद्रीय कांग्रेसी मंत्री की प्रमुख भूमिका थी, तो मंजू गुप्ता के स्टिंग के जरूरी क्लू तो भाजपा के ही एक स्थानीय नेता पर उपलब्ध कराने के कयास लगाए जा रहे हैं। यह नेताजी भाजपा के एक केंद्रीय नेता के दाएं हाथ समझे जाते हैं।
Posted on 11 December 2011 by admin
कांग्रेस का एक खेमा अपने नेता सतपाल महाराज पर भाजपा से सांठ-गांठ करने का आरोप लगा रहा है। इस खेमे का दावा है कि महाराज ने अपनी पत्नी अमृता रावत को जिताने के लिए रूद्र प्रयाग, केदारनाथ, यमकेश्वर, बद्रीनाथ और कोटद्वार सीटों पर भाजपा के साथ अंदरखाने का समझौता कर लिया है। महाराज की पत्नी अमृता नए परिसीमन में गठित चौबट्टाखाल (पहले यह सीट बिरोखाल थी) से चुनाव लड सकती हैं। अमृता की नजर रामनगर सीट पर भी है।