Posted on 08 July 2013 by admin
2014 के आम चुनावों के मद्देनार कांग्रेस की रणनीति बेहद साफ है, वह भाजपा के वैसे चोटी के नेताओं को साधना चाहती है जिन्होंने कभी कालांतर में सोनिया या राहुल को सीधा निशाना बनाया है, उनके खिलाफ बयानबाजी की है। फिलवक्त कांग्रेस की फेहरिस्त में नरेंद्र मोदी, सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं।
Posted on 29 June 2013 by admin
क्या वाकई मोदी की सियासी बयार हर ओर बहने लगी है, वह भी इस कदर कि इसका असर हरियाणा जैसे प्रदेश में दिखने लगा है। सूत्रों की मानें तो करनाल से कांग्रेस के सांसद अरविंद शर्मा बकायदा भाजपा के संपर्क में हैं। और दबी-छुपी जुबान में कई भाजपा नेता यहां तक दावा कर रहे हैं कि शर्मा 2014 का लोकसभा का चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़ेंगे और वह भी फरीदाबाद से, जहां से कांग्रेस राज बब्बर को मैदान में उतारने का मन बना रही है।
Posted on 10 June 2013 by admin
मोदी करीबी अमित शाह को यूपी का प्रभार दिए जाने के मामले में वाकई रामलाल और सौदान सिंह में खूब ठन गई थी। संघ की व्यापक पृष्ठभूमि वाले सौदान सिंह जानना चाहते थे कि शाह आखिरकार यूपी के बारे में जानते क्या है? पहली बार राजनाथ सिंह भी सौदान सिंह की इस राय से इत्तफाक रखते थे। यही वजह है कि रामलाल द्वारा तैयार की गई प्रभारियों की पहली सूची को राजनाथ ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था। पर समझा जाता है कि इसके बाद सीधे ‘नमो’ं लाइन पर आ गए और उन्होंने राजनाथ को बताया कि ‘चुनाव प्रबंधन में अमित शाह का कोई सानी नहीं, गुजरात के चुनावी नतीजे इस बात के उदाहरण हैं।’ पर राजनाथ का तर्क था कि शाह यूपी के भूगोल और यहां की जातीय राजनीति के बारे में आखिर जानते क्या हैं? सूत्र बताते हैं कि तब मोदी ने राजनाथ को बताया कि यूपी की 80 संसदीय सीटों के लिए उनका अपना चुनावी बजट कोई 100 करोड़ रूपए है जो शाह के हाथों खर्च हो सकता है। वित्तीय तंगी से जूझ रही भाजपा के लिए इससे बड़ी राहत की और क्या बात हो सकती थी, सो राजनाथ मान गए। सो, मोदी को पार्टी की प्रचार समिति का मुखिया बनाने में क्या राजनाथ की यही सोच काम कर रही है?
Posted on 04 June 2013 by admin
इस बार युवा मोर्चा में अनंत कुमार अपनी खासमखास ध्वनि शर्मा को जगह नहीं दिला पाए। सूत्रों की मानें तो अनंत कुमार ने ध्वनि शर्मा की पैरवी स्वयं राजनाथ से भी की थी, पर जब वे ध्वनि को युवा मोर्चा में एडजस्ट नहीं करा पाए तो बेहद नाराा होकर राजनाथ के पास आए और उनके समक्ष अपना दुखड़ा रोया। चतुर सुजान राजनाथ ने हंसकर अनंत की बात टाल दी और कहा कि ‘आखिरकार इस उम्र में आपकी युवाओं में इतनी दिलचस्पी क्यों
Posted on 04 June 2013 by admin
चार राज्यों में होने वाले आसन्न विधानसभा चुनावों को लेकर अडवानी ने जिस इलेक्शन कॉर्डिनेशन कमेटी बनाने का सुझाव दिया है उसके कन्वेनर के तौर पर उन्होंने नितिन गडकरी का नाम सुझाया है। पर स्वयं पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह इस कमेटी के गठन को लेकर टाल-मटोल कर रहे हैं। सो, गोवा में 7-9 जून के बीच होने वाली पार्टी की कार्यसमिति की बैठक में अडवानी गुट इसको लेकर अपने पार्टी अध्यक्ष पर दबाव बनाने वाला है। इस मुद्दे पर संघ भी दो धड़ों में बंटा दिखायी देता है। जहां सुरेश सोनी गडकरी विरोधी गुट का नेतृत्व कर रहे हैं तो संघ प्रमुख मोहन भागवत का आशीर्वाद पूर्ण रूप से गडकरी के साथ है।
Posted on 26 May 2013 by admin
कांग्रेस के बुजुर्ग नेता नारायण दत्त तिवारी सोनिया गांधी के कहने और मनाने पर भले ही दिल्ली आ गए हों, नई दिल्ली के नेहरू युवा केंद्र में उन्हें बैठने की जगह भी मिल गई हो पर तिवारी को इतने भर से संतोष नहीं। उन्होंने सोनिया से कहा है कि उन्हें कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड में बैठने के लिए एक कमरा दिया जाए और उनके राजनैतिक भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें या तो विजय बहुगुणा की जगह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया जाए अथवा आने वाले लोकसभा चुनाव में उन्हें नैनीताल संसदीय क्षेत्र से पार्टी का टिकट दिया जाए, पर सोनिया तिवारी जी को लेकर अभी जल्दी में नहीं दिखतीं।
Posted on 30 April 2013 by admin
Leider ist der Eintrag nur auf English verfügbar.
Posted on 25 April 2013 by admin
हरियाणा कांग्रेस के एक रंगीन तबियत नेता जी जो कई टर्म कांग्रेस के सांसद भी रह चुके हैं इन दिनों एक जूनियर इंजीनियर की 24 साल की युवा पत्नी के साथ अपनी सेक्स सीडी को लेकर चर्चा में हैं जो कई बार यू-टयूब पर अपलोड होकर उतर चुकी है। इस सीडी की प्रतियां भी कई नेताओं के पास देखी गईं हैं। अब आप इस रंगीन तबियत नेताजी की उम्र के बारे में जरा अंदाजा तो लगाइए, यकीनन आप चौंक जाएंगे, युवाओं को चुनौती देने वाले इन नेताजी की उम्र महज 80 साल है।
Posted on 25 April 2013 by admin
भाजपा में मोदी से सांप-छंछूदर वाला खेल चालू है। पार्टी आलाकमान पर अपने कार्र्यकत्ताओं का भारी दबाव है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी को प्रधानमंत्री के कैंडिडेट के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाए, पर पार्टी नेताओं का एक बड़ा तबका यथास्थितिवाद बनाए रखने का पक्षधर है। पर स्वयं पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह इस बारे में काफी फूंक-फूक कर कदम रख रहे हैं। राजनाथ के करीबियों का मानना है कि अपने पिछले टर्म में राजनाथ ने बैठे-बिठाए मोदी से रार ठान ली थी और डी-4 नेताओं (दिल्ली के चार बड़े नेताओं) के हाथों की कठपुतली बन गए थे। सो, इस दफे राजनाथ मोदी को पूरा महत्त्व दिए जाने के पक्षधर बताए जाते हैं।
Posted on 25 April 2013 by admin
कांग्रेसी नेताओं का एक बड़ा वर्ग नवंबर में मध्यावधि चुनाव चाहता है। इस राय के नेतागण प्रधानमंत्री के जर्मनी रवाना होने से पूर्व उनसे मिलने भी पहुंचे। इन नेताओं ने प्रधानमंत्री को समझाना चाहा कि जो जनमत सर्वेक्षण के नतीजे आ रहे हैं उनके मुताबिक कांग्रेस कर्नाटक में अपने दम पर सरकार बना सकती है और उनके मुताबिक कर्नाटक में भाजपा 50 सीटों के आंकड़े को भी नहीं छू पाएगी, सौजन्य से श्री बी. एस. येदुरप्पा। इसके बाद जिन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं मसलन राजस्थान, मध्य प्रदेश व दिल्ली, इसमें राजस्थान मेें कांग्रेस के हाथों से सत्ता जा सकती है, मध्य प्रदेश में शिवराज तिकड़ी जमा सकते हैं और दिल्ली में इस दफे शीला दीक्षित का चौथी बार जीत पाना आसान नहीं होगा। यानी इन तीन राज्यों के चुनावी नतीजे केंद्र के चुनावों पर असर डाल सकते हैं। सो, इन कांगेसी नेताओं की राय है कि इस मानसून सत्र के बाद संसद को भंग कर दिया जाए और देश मेंमध्यावधि चुनाव नवंबर में करा दिए जाएं। पर समझा जाता है कि 10 जनपथ और राहुल गांधी इस राय से इत्तफाक नहीं रखते।