Archive | Interview

कब तक बचेंगे मोदी?

Posted on 27 February 2011 by admin

अब बात आईपीएल की चली हो तो ललित मोदी का जिक्र कैसे न हो, मोदी अब भी अपने लाव-लश्कर के साथ लंदन में डटे हैं। विदेश मंत्रालय ने पिछले दिनों काफी सक्रियता दिखाई थी कि मोदी को भारत लाया जा सके, पर फिलवक्त मोदी की यह फाइल इंफोर्समेंट डायरेक्टर के पास रुकी पड़ी है। कहते हैं मोदी को उपकृत करने में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के एक नजदीकी रिश्तेदार (बहन के बेटे) का हाथ है जिनका ईडी के यहां सिक्का चलता है। पर आखिर बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी?

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नीरा का नया खुलासा

Posted on 10 December 2010 by admin

ईडी के समक्ष नीरा राडिया का एक महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है, सूत्र बताते हैं कि नीरा ने कबूला है कि उन्होंने कई कॉरपोरेट घरानों के हित-संवर्ध्दन के लिए अब तक मीडिया पर 167 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसमें से उन्होंने एक चैनल की चर्चित महिला पत्रकार को न्यूयॉर्क के मैनहटन में अपार्टमेंट खरीदकर दिया है, तो एक अंग्रेजी चैनल की प्रमुख पत्रकार को 2 करोड़ 20 लाख रुपए दिए हैं। कई और बड़े नामधारी पत्रकारों की सेवा भक्ति का पूरा कच्चा चिट्टा राडिया के पास मौजूद है।

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थरुर भी हैं मजबूर

Posted on 14 November 2010 by admin

दिल्ली में आहूत कांग्रेस के इसी एक दिवसीय सेशन में… शशि थरुर ने भी शिरकत की। पर इस एआईसीसी सेशन में वो एक डेलीगेट कम, किसी न्यूज चैनल के उत्साही रिपोर्टर के अवतार में ज्यादा नजर आ रहे थे। उनका पूरा ध्यान व समय उनके ‘ब्लैक बेरी’ पर केंद्रित था जिस पर वे लगातार ‘ट्वीट’ कर रहे थे… आजादी का संगीत, फिर वंदे मातरम्, फिर सारे जहां से अच्छा, और अब गांधी जी का भजन चल रहा है। अब सोनिया जी बोलने को तैयार हुई हैं…लो, अब इन्होंने बोलना शुरू कर दिया है…यानी चाहे सियासी पेंचोखम के गम लाख उन्हें रुलाते रहें, पर शशि थरुर हैं कि मानते नहीं!

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बदला राहुल का हेयर स्टाइल

Posted on 19 October 2010 by admin

कांग्रेस के देदीप्यमान चिराग राहुल गांधी कुछ नया कर दिखाने की होड़ में बरबस पुराने हुए जाते हैं। अभी कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान वे एक बाक्सिंग मैच का लुत्फ उठाने पहुंचे, तो उनके बाल इस कदर छोटे हो गए थे मानो सियासी रिंग में विरोधियों के पंचों से बेहाल हों। वैसे भी राहुल ने इन दिनों दादी इंदिरा को हर मायने में कॉपी करने की ठान ली है। इंदिराजी भी अपने जमाने में संघ और जमाते इस्लामी को एक तराजू में तौलती थीं राहुल संघ की तुलना सिमी से करते हैं, एक सोची-समझी रणनीति के तहत। इंदिरा जी को कभी भी लंबे बाल पसंद नहीं थे, चुनांचे राहुल व प्रियंका के नए हेयर स्टाइल दादी की ही भावाव्यक्ति लगते हैं।

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दिल्ली का अगला पुलिस कमिश्नर?

Posted on 06 October 2010 by admin

दिल्ली के मौजूदा पुलिस कमिश्नर वाई.एस.डडवाल के तीन साल पूरे हो गए हैं। सो, उनके उत्तराधिकारी की तलाश तेज हो गई है। सबसे मजबूत लॉबिंग 76 बैच के नीरज कुमार कर रहे हैं, वे इन दिनों पीएमओ, गृह मंत्री व गृह सचिव से खूब मेलजोल बढ़ाने में जुटे हैं। पर उन्हें भाजपा की कायस्थ लॉबी खास कर शत्रुघ्न सिन्हा के बेहद करीब माना जाता है, यही बात थोड़ी-बहुत उनके खिलाफ जा रही है। 75 बैच के बी.के.गुप्ता फिलवक्त तिहाड़ जेल के डीजी हैं, वे भी मजबूती से अपना दावा पेश कर रहे हैं। 77 बैच के अजय चड्डा का दावा भी मजबूत है, उन्हें वैसे भी एक काबिल अधिकारी माना जाता है। वहीं दिल्ली के मौजूदा पुलिस कमिश्नर डडवाल के कार्यकाल के तीन साल पूरे होने वाले हैं, और उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद पदमुक्त होने की इच्छा व्यक्त की है, पर डडवाल इतनी जल्दी अपनी महत्वाकांक्षाओं से मुक्त नहीं होना चाहते, सो वे अब ही किसी अच्छी पोस्टिंग की बाट जोह रहे हैं, उनके करीबी सूत्रों के दावों पर अगर यकीन किया जाए तो वे सीबीआई में जाने की जुगत भिड़ा रहे हैं।

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गडकरी उवाच

Posted on 19 September 2010 by admin

भाजपा का चाल, चरित्र, चेहरा बदलने की आपाधापी में नितिन गडकरी कई दफे मान्य बोली-ठोली का भी उल्लंघन कर देते हैं, अभी हाल में ही संपन्न हुए भाजपा की मीडिया वर्कशॉप की मिसाल लीजिए, यह पूरी वर्कशॉप महज इसीलिए आहूत थी ताकि पार्टी प्रवक्ताओं व पदाधिकारियों को यह बतलाया जा सके कि मीडिया के समक्ष उन्हें अपनी भाषा-शैली पर कैसे नियंत्रण रखना है। जब भाजपा अध्यक्ष स्वयं बोलने को खड़े हुए तो उन्होंने अपनी ही पार्टी के चंद सीनियर नेताओं को इंगित करते हुए कहा-‘मैं किसी की परवाह नहीं करता, जो मेरी बात नहीं मानेगा, उसे ठोक दूंगा’ अध्यक्ष जी कबीर दास जी को याद करिए, उनकी बातें-उनकी सधोकरी आज भी उतनी ही मौजूं है-‘मेरी बोली पूरबी, मोको लखै न कोय। मोको तो वाहि लखे, जो धुर पूरब का होय॥’

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बदला भाजपा का मैन्यू

Posted on 05 September 2010 by admin

संसद सत्र की समाप्ति के बाद विपक्षी उपलब्धियों के बखान के लिए सुषमा स्वराज ने न केवल पत्रकारों के समक्ष रोचक भाषण दिया अपितु उनके लिए रखे गए वैजिटेरियन लंच का मैन्यू भी लजीज और विविध था। कम से कम भाजपा के लंच-डिनर में आम तौर पर खाने की इतनी वैराइटीज दुर्लभ ही होती हैं-जैसे पनीर के कई आइटम, कोफ्ते, आलू-छोले, जलेबी-रबड़ी आदि-आदि। क्या अपने सियासी जायके में यथोचित बदलाव को तत्पर हैं नेता प्रतिपक्ष।

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मुलायम की शिकायत

Posted on 05 July 2010 by admin

मुलायम सिंह इन दिनों कांग्रेस से थोड़े खफा-खफा से दिखते हैं, कांग्रेस रणनीतिकारों ने नेताजी से वायदा किया था कि अगर वे परमाणु उदारता बिल पर अपना व अपनी पार्टी का समर्थन दे देंगे तो यह बिल ‘इंट्रोडयूस’ होने पर इसे नेताजी की अध्यक्षता वाली संसदीय कमेटी (ऊर्जा) में भेजा जाएगा, पर जब इस बिल को कमेटी में भेजने का समय आया तो सत्ता पक्ष ने इसे सुब्बारामी रेड्डी की अध्यक्षता वाली ‘साइंस एंड टेक्नोलॉजी कमेटी’ के पास भेज दिया। मुलायम इस पर खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं, पर कांग्रेस भी भला इतनी आसानी से नेताजी की कमेटी पर इतना सारा भरोसा कैसे कर लेती?

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रेडी नहीं हो रहे रेड्डी

Posted on 22 June 2010 by admin

पिछले दिनों कांग्रेस के एक सीनियर कैबिनेट मंत्री ने कर्नाटक में डेरा-डंडा जमाया, मंत्री महोदय 10 जनपथ के करीबी माने जाते हैं। एक उत्तर भारतीय शर्मा जी के घर इस मंत्री महोदय ने चर्चित रेड्डी बंधुओं को तलब किया और उनके समक्ष प्रस्ताव रखा कि अगर वे कांग्रेस में आ जाएं, जगन का साथ छोड़ दें और कर्नाटक की भाजपा सरकार गिराने में सहयोग करें तो मंत्री महोदय स्वयं उन्हें कांग्रेस अध्यक्षा से ले जाकर मिलवाएंगे, और बेल्लारी के जिस पूर्व सांसद ने श्रीरामलू और रेड्डी बंधु को डिसक्वालीफाई करने के लिए याचिका दायर कर रखी है उसकी वापसी पर भी सोचा जा सकता है, सेवा यानी फीस अलग से देय होगी, चूंकि गेंद अभी रेड्डी बंधुओं के पाले में है और मौसम भी फीका का है सो गेम में उतरने से पहले वे भी सौ बार सोच रहे हैं।

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रेस में नीतीश आगे

Posted on 28 May 2010 by admin

आईबी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस दफे बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार एकबारगी पुन: सरकार बनाने की स्थिति में होंगे, और अगर जद(यू)भाजपा का साथ चुनाव से ऐन पहले छूट भी जाता है तो मुस्लिम वोट थोकभाव में नीतीश को मिल सकते हैं।

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