Archive | Interview

टीम अन्ना के डॉसियर के पीछे कौन?

Posted on 24 October 2011 by admin

2जी मामले पर चारो तरफ से घिर आए चिदंबरम के सियासी अज्ञातवास की रजधूलि भी इतनी विस्फोटक होगी, टीम अन्ना को इस बात का जरा भी इल्म न था, चतुर्दिक संकटों में घिरे चतुर वकील चिदंबरम ने टीम अन्ना को घेरने का पक्का बंदोबस्त कर दिया था,और उन्हें इस काम में कपिल सिब्बल का भी बढ़-चढ़कर साथ मिल रहा था, जो टीम अन्ना से पहले से खार खाए बैठे थे। टीम अन्ना के हर अहम सदस्य का तमाम सरकारी एजेंसियां मसलन आईबी, रेवेन्यू इंटेलीजेंस के लोग सम्मिलित रूप से डॉसियर तैयार करने में जुट गए, किरण बेदी से जुड़ा ताजा मामला इसकी परिणति भर है। बेदी के एनजीओ के ऑडिटेड अकाऊंट को सरकारी एजेंसियों ने न जाने कितनी बार खंगाला, उसके बाद अंग्रेजी के एक खास अखबार समूह को (इसके ‘एडिटर इन चीफ’ चिदंबरम के अंतरंग मित्रों में से हैं) इसकी लीड दी गई, सरकार ने भी एक तरह से तय कर लिया है कि अब टीम अन्ना के सदस्यों पर प्रत्यक्ष नहीं परोक्ष हमला बोला जाएगा और सरकारी बंदूक मीडिया के कंधों पर रखकर गोली सही निशाने पर दागी जाएगी। अगला हमला एक कांग्रेस भक्त मीडिया समूह बोलेगा, फिर दो अंग्रेजी न्यूज साप्ताहिक में कई खुलासे होंगे, यानी सरकार का पूरा प्लॉन तैयार है।

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उचाट हैं दिग्विजय

Posted on 26 September 2011 by admin

यूपी चुनावों को लेकर दिग्विजय सिंह किंचित उदासीन जान पड़ते हैं, कारण कांग्रेस की पहली सूची में से दिग्विजय के दामाद का नाम कट गया जो राम नगर से लड़ने के इच्छुक थे, तब से यूपी को लेकर दिग्विजय की उदासीनता बढ़ी है, मोहन प्रकाश और बेनी प्रसाद यूपी मामलों में पहले से कहीं ज्यादा सक्रिय हो गए हैं।

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सवालों के दीप व संदीप

Posted on 18 September 2011 by admin

कांग्रेसी हलकों में अब यह सवाल एक ‘यक्ष प्रश्न’ बनकर मंडरा रहा है कि और पार्टी की कितनी फजीहत करवाएंगे संदीप दीक्षित। अन्ना मुद्दे पर संसद में बोलते हुए वे राहुल गांधी और उनकी एक दिन पूर्व दी गई स्पीच का जिक्र करना भूल गए। कई मायनों में उन्हें दिल्ली का ‘डिफेक्टो सीएम’ भी कहा जाता है, क्योंकि वे कथित तौर पर न सिर्फ दिल्ली सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का ट्रैक रखते हैं अपितु इन योजनाओं से जुड़े अनुदान एनजीओ को देने-दिलवाने में भी उनकी एक महती भूमिका होती है। किरण बेदी व अरविंद केजरीवाल के संपर्क में भी वे कुछ इन्हीं वजहों से आए। कहा तो यह भी जाता है कि सोनिया-विरोध का अलख जगाने वाले कई भाजपा नेताओं से भी उनकी गहरी छनती है। ताजा मामला भोपाल एक्सप्रेस में गलती से रह गया नोटों भरा सूटकेस का है, दीक्षित दावा करते हैं कि भले ही यह बैग उनके एसी फर्स्ट क्लास कूपे में था, पर था यह उनके एक मित्र माथुर का। सवाल उठता है कि अगर माथुर वाकई दीक्षित के इतने जिगरी यार हैं तो वे उसी टे्रन के सेकंड एसी में बतौर उनके अटेंडेंट क्यों सफर कर रहे थे? क्या इन रुपयों पर कॉमनवेल्थ गेम्स की छाया मंडरा रही थी? वैसे भी भोपाल से दीक्षित का नजदीकी रिश्ता है, वहां उनकी एनजीओ काम करती है, और माना जाता है कि भोपाल व उसके आस-पास उन्होंने पिछले वर्ष प्रोपर्टी में खासा निवेश भी किया हुआ है। सो एक ऐसे देश में जहां करोड़ों लोग एक जून की रोटी को मुहताज रह जाते हैं, ऐसे में किसी जन प्रतिनिधि या उनके नजदीकी मित्रों का रुपयों भरा बैग ट्रेन में ही छूट जाए तो इससे उनकी रफ्तार को क्या फर्क पड़ता है?

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सोनिया स्वदेश लौटेगी

Posted on 21 August 2011 by admin

राहुल गांधी 22 तारीख को फिर से अमरीका जा रहे हैं अपनी बीमार मां के पास, पर 23 तारीख को प्रियंका गांधी की स्वदेश वापसी हो रही है, यानी गांधी परिवार का कोई न कोई नुमांइदा अब दिल्ली में बना रहेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि चूंकि सोनिया के स्वास्थ्य में अपेक्षित सुधार हो रहा है, सो वे 30 अगस्त तक दिल्ली वापिस लौट सकती हैं।

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…और अंत में

Posted on 26 July 2011 by admin

कर्नाटक के लोकायुक्त संतोष हेगड़े की दिली इच्छा है राष्ट्रपति या उप राष्ट्रपति बनने की। वैसे भी इनके पिता के.एस.हेगड़े लोकसभा स्पीकर रह चुके हैं।

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भाजपा के बिगड़ैल मुंडे

Posted on 03 July 2011 by admin

बस जरा सी बात पर गोपीनाथ मुंडे का कांग्रेस में आना टल गया, नहीं तो कांग्रेसी रणनीतिकारों ने महाराष्ट्र में भाजपा को एक जोर का झटका देने की सारी तैयारी कर ली थी। माणिक राव और पृथ्वीराज चौहान इस पूरी मुहिम के अगुआ थे, कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह मोलभाव कर रहे थे। इस पूरी मुहिम से विलासराव देशमुख को अलग रखा गया था जबकि देशमुख और मुंडे मुंबई के वर्ली के एक ही इमारत में अलग-बगल रहते हैं। दरअसल, मुंडे कांग्रेस ज्वॉइन करते ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह चाहते थे, हालांकि कांग्रेस का मानना था कि उन्हें कांग्रेस में आते ही मंत्री पद से नवाजना उचित नहीं होगा, इसके लिए उन्हें थोड़ा इंतजार करना होगा। वैसे भी बाहरी लोगों को कांग्रेस में हमेशा ही ज्यादा मिला है, मसलन बेनी प्रसाद वर्मा (नए फेरबदल में इन्हें कैबिनेट का दर्जा मिल सकता है), संजय निरूपम, मोहन प्रकाश, मधुसूदन मिस्त्री आदि-आदि।

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राम भज जेठमलानी

Posted on 15 May 2011 by admin

राम जेठमलानी के पास केसों की नहीं दुआओं की कमी जरूर रही है, वैसे भी अपने राजनैतिक पुनरूत्थान के लिए इन दिनों वे कुछ ज्यादा ही सक्रिय हैं और उन्होंने अडवानी के कोर-ग्रुप के साथ-साथ उनके दिल में भी अपने लिए एक खास जगह बना ली है। इन दिनों जेठमलानी के घर खूब पूजा-पाठ चल रही है जो उनकी दीर्घायू होने की कामना को लेकर है।

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उमा की उम्मीदें

Posted on 01 May 2011 by admin

अपनी भाजपा वापसी की दहलीज पर खड़ी उमा भारती एकबारगी पुन: अपने पुराने तेवरों में लौट आई है, इस बुधवार को उन्होंने अपने गुरु पेजावर स्वामी के 81वें जन्मदिन के मौके पर नई दिल्ली के वसंत कुंज स्थित आश्रम में एक बड़ा कार्यक्रम किया। उमा ने अपने गुरु को 81 लाख की थैली भेंट की, उस मौके पर स्वयं अडवानी मौजूद थे। उनके अलावा बाबा रामदेव, अशोक सिंघल, साध्वी ऋतंभरा और गोविंदाचार्य भी मौजूद थे। अडवानी ने साष्टांग दंडवत होकर रामदेव से आशीर्वाद लिया, अडवानी के साथ उनकी धर्मपत्नी कमला और पुत्री प्रतिभा भी कार्यक्रम में आई थीं, जिन्हें उमा ने अपने खास अंदाज में मंच पर बुला लिया। कोई 5-6 वर्ष नेपथ्य में बिताने के बाद आखिरकार अब उमा को मंच का महत्त्व समझ में आ गया है।

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सिविल सोसाइटी की गुडविल

Posted on 23 April 2011 by admin

कांग्रेस मंडली को यह भी लगता है कि अन्ना एंड कंपनी के सिपहसालारों की निजी महत्वाकांक्षाएं भी हिलौरे मार रही हैं, मसलन दिल्ली की पुलिस कमिश्नर बन पाने में नाकाम रहने वाली किरण बेदी की नजर सीवीसी पद पर टिकी है, प्रारंभिक दौर में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद में जगह बना पाने में नाकाम अरविंद केजरीवाल यूपीए शासनकाल में उपकृत होना चाहते हैं, संतोष हेगड़े लोकपाल बनना चाहते हैं और सबसे दीगर अन्ना अपने इन चेलों को कुछ न कुछ बनते हुए देखना चाहते हैं।

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…और अंत में

Posted on 10 April 2011 by admin

तमिलनाडु की सोनिया की एक चुनावी रैली में पी. चिदंबरम, जी. के. वासन और जयंती नटराजन तीनों को पहुंचना था, पर ऐन वक्त पर ये तीनों नेता वहां नहीं पहुंचे, दरअसल ये तीनों अपनी नाराजगी से सोनिया को वाकिफ कराना चाहते थे।

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