टल गया मंत्रिमंडल का विस्तार

December 13 2020


काफी पहले से संकेत मिल रहे थे कि मोदी मंत्रिमंडल का चिर प्रतीक्षित विस्तार 8 या 9 दिसंबर को हो सकता है, पर जब दिल्ली में किसान आंदोलन ने गति पकड़ी तो विस्तार का यह कार्यक्रम आगे के लिए टाल दिया गया। सूत्रों की मानें तो अब चूंकि खरमास शुरू हो गया है और शुभ दिन तो अब 14 जनवरी के बाद शुरू होंगे तब ही मंत्रिमंडल विस्तार की यह योजना परवान चढ़ पाएगी। 31 जनवरी से संसद का बजट सत्र शुरू होने वाला है जो अप्रैल तक चलेगा। आम मान्य परंपराओं में जब सदन का सत्र चल रहा होता है तो मंत्रिमंडल फेरबदल या विस्तार तब नहीं होता है, सो यह 14 जनवरी से 30 जनवरी के दरम्यान ही संभव है, या फिर बजट सत्र की समाप्ति के बाद मई में इसके आसार बन सकते हैं। मई में सरकार के भी दो साल पूरे हो जाएंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे लोग जो मार्च से मंत्री बनने की कतार में खड़े हैं। बिहार से 2-3 मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है, सुशील मोदी और संजय जायसवाल की किस्मत चमक सकती है। यूपी से एक बड़ा सरप्राईज डॉ. सुधांशु त्रिवेदी दे सकते हैं, वे पढ़े-लिखे, सोच-समझ कर बोलने वाले एक ब्राह्मण फेस हैं, जिनके नाम का संघ भी समर्थन कर सकता है। वैसे इस दफे यूपी से दो ब्राह्मण चेहरों सीमा द्विवेदी और हरिद्वार दुबे को राज्यसभा में जगह मिली है, पर डॉ. त्रिवेदी इनके मुकाबले ज्यादा हैवीवेट नाम हैं। किसान आंदोलन की धमक
देखते हुए हरियाणा से किसी की लॉटरी निकल सकती है। दिल्ली से मनोज तिवारी, प्रवेश वर्मा या मीनाक्षी लेखी का नाम हो सकता है, बंगाल से रूपा गांगुली, दिलीप घोष या लाकेट चटर्जी के नाम के चर्चे हैं। भूपेंद्र यादव, विनय सहस्त्रबुद्दे, राम माधव, अनिल जैन के नाम तो काफी पहले से चल ही रहे हैं। अगर वाईएसआर कांग्रेस एनडीए ज्वॉइन करती है तो मोदी मंत्रिमंडल में इन्हें भी नुमाइंदगी मिल सकती है। जद-यू के भी मंत्री सरकार में शामिल हो सकते हैं।

 
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