बोस की फाइलें बॉस के पास |
December 06 2015 |
सुभाष चंद्र बोस से जुड़े गुप्त दस्तावेजों के खुलासे के माध्यम से मोदी सरकार ने बंगाल चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं को धूमिल करने के कार्य का श्रीगणेश कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि जैसे-जैसे नेताजी से जुड़े रहस्यों से पर्दा उठेगा, गांधी-नेहरू परिवार को इसकी तपिश झेलनी पड़ सकती है। सरकार से जुड़े विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि नेताजी से जुड़े तमाम दस्तावेजों और कागजातों का मोदी सरकार ने बड़े कायदे से वर्गीकरण किया है। इसमें टॉप सीक्रेट, सीक्रेट, क्लासीफाइड, अनक्लासीफाइड फाइलें वर्गीकृत की गई है। इसके अलावा 29 फाइलें विदेश मंत्रालय के कब्जे में है। लगभग 10 लाख पेपर अलग से होम मिनिस्ट्री के पास है। जिसमें मूलतः खुफिया विभाग व पुलिसिया रिपोर्ट शामिल हैं। टॉप सीक्रेट फाइलें सीधे पीएमओ के कब्जे में है, जिनमें उन दो महत्त्वपूर्ण रहस्यों से पर्दा उठ सकता है कि नेताजी अचानक गायब कैसे हो गए थे? और किन रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मौत हुई? सीक्रेट फाइल मूलतः जस्टिस मुखर्जी कमेटी की रिपोर्ट है, जो दो फाइलों में सिमटी हुई है। क्लासीफाइड फाइलों के अंतर्गत रूस, जापान, इंडोनेशिया,बर्मा, ब्रिटेन जैसे देशों से नेताजी के बाबत भारत सरकार के तमाम पत्राचार शामिल हैं। अनक्लासीफाइड वैसी जानकारियां हैं जिन्हें अभी ठीक से खंगाला नहीं गया है। इसमें नेहरू व बोस के रिश्तों की पड़ताल समाहित हो सकती है। इन सभी श्रेणियों की जानकारियां पीएमओ के पास है। जैसे-जैसे इन रहस्यों से पर्दा उठेगा तृणमूल और भाजपा ये दोनों ही पार्टियां इसका सियासी लाभ उठाने को तत्पर दिखेंगी। |
Feedback |