भाजपा की महाराष्ट्र चिंता |
March 15 2023 |
भले ही भाजपा उत्तर पूर्व के दो राज्यों में हुई अपनी जीत के जश्न में डूबी हो, मेघालय में भी वह कॉनरेड संगमा सरकार का हिस्सा बनने को तैयार हो, पर हालिया उप चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन चिंताजनक रहा। खास कर महाराष्ट्र की कस्बापेठ उप चुनाव में 27 साल बाद उसे हार का मुंह देखना पड़ा है, वह भी ऐसे समय में जब अगले वर्ष ही यहां विधानसभा चुनाव होने हैं। यह एक ब्राह्मण बहुल सीट है जहां उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, बावजूद इसके यह सीट महाअघाड़ी गठबंधन ने भाजपा के हाथों से झटक ली। शिंदे की शिवसेना को ही असली साबित करने की मशक्कत में भाजपा की जमीन महाराष्ट्र में किंचित दरकने लगी है, भले ही उद्धव के गुट से छीन कर ‘तीर-धनुष’ निशान शिंदे को सौंप दिया गया हो पर असली निशानेबाज अब भी उद्धव ही साबित हो रहे हैं। शिंदे की शिवसेना को असली शिवसेना बताने के लिए एक यात्रा निकलने जा रही है जो एक तरह से उद्धव की यात्रा के जवाब में भी है। जहां उद्धव अपनी यात्रा में गांव-गांव घूम कर ठाकरे वफादारों यानी असली शिव सैनिकों से अपना पुराना रिश्ता प्रगाढ़ करने में जुटेंगे, वहीं शिंदे गुट की असली चुनौती खुद को असली शिवसैनिक साबित करने की होगी। कस्बापेठ के लिए भाजपा शीर्ष अभी से मंथन में जुट गया है, उसे लगता है यहां उम्मीदवार चुनने में गलती हो गई, यहां से भाजपा ने पुणे म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के चेयरमैन हेमंत रसने को मैदान में उतारा था, जो महाअघाड़ी के एक ओबीसी उम्मीदवार रविंद्र धंगेकर के हाथों 11,000 मतों से पराजित हो गए। |
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