एक किरीट, तीन सीट |
November 20 2017 |
अहमदाबाद और गांधीनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों पर प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों का भाजपा को टोटा पड़ गया है। 2008 के नए परिसीमन के बाद अहमदाबाद लोकसभा सीट को दो अलग-अलग सीटों में बांट दिया गया था, अहमदाबाद वेस्ट जो कि एक आरक्षित सीट बना दी गई, फिलवक्त जिसका प्रतिनिधित्व भाजपा के किरीट सोलंकी करते हैं। इस सीट के अंतर्गत सात विधानसभा सीटें आती है, जिसमें से असरवा और दलिमदा आरक्षित सीटें है और शेष की 5 सामान्य सीटें। दूसरी लोकसभा सीट अहमदाबाद ईस्ट है जिसकी नुमाइंदगी भाजपा के परेश रावल करते हैं, इसके अतंर्गत भी विधानसभा की 7 सीटें आती है जो सभी सामान्य श्रेणी की हैं। इसके अलावा इससे लगी गांधीनगर लोकसभा सीट है, संसद में जिसका प्रतिनिधित्व लालकृष्ण अडवानी करते हैं, इसके अंतर्गत भी विधानसभा की 7 सामान्य सीटें आती हैं। अब भाजपा की दिक्कत यह है न तो लालकृष्ण अडवानी और न ही परेश रावल अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों की कोई सुध लेते हैं। इससे यहां के स्थानीय वोटरों में खासी नाराज़गी है। सो, भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने फिलवक्त किरीट सोलंकी को यह जिम्मा सौंपा है कि वे अपनी संसदीय सीट अहमदाबाद वेस्ट के अलावा अहमदाबाद ईस्ट और गांधीनगर का भी जिम्मा संभाल लें और इन दोनों संसदीय सीटों के लोगों के दुख तकलीफों का अंदाजा लें और इसके समाधान का उपाय ढूंढे। चुनांचे इन दिनों डॉ. किरीट सोलंकी को ढूंढ़ने वाले ढूंढ नहीं पा रहे हैं। |
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