असम का टशन

April 21 2021


असम के चुनावी नतीजे चाहे जो हो, पर वहां आमने-सामने की लड़ाई दिलचस्प हो गई है, यह लड़ाई भाजपा बनाम कांग्रेस गठबंधन के दरम्यान है। भले ही चुनावी नतीजे 2 मई को आने हों पर भाजपा अभी से सरकार बनाने की प्रयासों में जुट गई लगती है, निषाने पर कांग्रेस गठबंधन के वे उम्मीदवार हैं जो जीतने का दंभ दिखा रहे हैं। अपने उम्मीदवारों के पाला बदल की आहटों को भांपते कांग्रेस गठबंधन ने अपने 20 उम्मीदवारों को अपनी सुरक्षा में लेकर जयपुर एक रिसॉर्टस में भेज दिया है, यहां तक कि उनके मोबाइल फोन भी उनके नहीं रह गए हैं। ये जीत की संभावनाओं वाले उम्मीदवार हैं, जिनमें बदरूद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ के उम्मीदवारों की संख्या कहीं ज्यादा है। गठबंधन के अन्य उम्मीदवारों के जयपुर पहुंचने का सिलसिला भी जारी रह सकता है, क्योंकि कांगे्रस गठबंधन को खरीद-फरोख्त की आषंका सता रही है। भाजपा से जुड़े सूत्र साफ करते हैं कि भगवा पार्टी राज्य में अपने बड़े नेता हेमंता बिस्वा सरमा के आचरण को लेकर चिंता में हैं, जिन्हें साफ तौर पर ऐसा लगता है कि राज्य में अगर एक बार फिर से भाजपा को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ तो उनके सीएम पद की दावेदारी को दरकिनार कर दिया
जाएगा। हेमंता को लगता है कि ‘हंग असेंबली’ आने पर उनका मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा हो सकता है। हरियाणा में भी जब एक दफे भजनलाल वहां के प्रदेश अध्यक्ष थे और प्रदेश का चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया था तो पार्टी सुप्रीमो सोनिया गांधी ने उनकी जगह भूपेंद्र सिंह हुड्डा को राज्य की कमान सौंप दी थी। विरोधी दलों को यह डर सिर्फ असम में ही नहीं सता रहा जहां चुनाव के अधबीच ही कांग्रेस गठबंधन का एक उम्मीदवार पाला बदल कर भाजपा में आ गया। जबकि विपक्षी दलों को केरल और बंगाल में भी यही डर सता रहा है, जहां भाजपा रणनीतिकारों को यूडीएफ और टीएमसी की उन कमजोर कड़ियों का भली-भांति इल्म है जो जीत के बाद भी पाला बदल सकते हैं।

 
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