मोदी से नजदीकी का इनाम बलूनी को |
March 26 2018 |
राज्यसभा चुनावों के नतीजों ने मुरझाए भगवा खेमे उत्साह की एक नई जोत जगा दी है। पर कम लोगों को ही पता है कि इस राज्यसभा चुनाव में कई भगवा उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें बस मोदी की फराखदिली का इनाम मिला है। नहीं तो उत्तराखंड से आने वाले किंचित से एक अनाम चेहरे अनिल बलूनी की क्या मज़ाल जो वे राम माधव जैसे दिग्गज को रेस में पछाड़ ऊपरी सदन में जा पहुंचे। अब जरा बलूनी जी के इतिहास को खंगाला जाए। वे कभी कुबेर टाइम्स व जेवीजी टाइम्स जैसे हिंदी के मामूली अखबारों में स्टिंगर हुआ करते थे, कालक्रम से जब ये दोनों अखबार बंद हो गए तो ये दिल्ली में भाजपा व संघ कार्यालयों की परिक्रमा करने लगे। फिर इनकी जान-पहचान सुंदर सिंह भंडारी के साथ बढ़ गईं, जब भंडारी गुजरात के राज्यपाल बनें तो उन्होंने बलूनी को अपना ओएसडी बना लिया। यह 2001 की बात है। यह वही काल था जब मोदी ने गुजरात की गद्दी संभाली थी, तब बलूनी सीएम मोदी और गवर्नर भंडारी के बीच संवाद सूत्र का कार्य करने लगे। दुर्भाग्यवश गवर्नर भंडारी नहीं रहे, तो उनके निधन के बाद बलूनी मोदी की शरण में जा पहुंचे, मोदी ने उन्हें उत्तराखंड भाजपा का प्रवक्ता नियुक्त करवा दिया। जब मोदी केंद्र में सत्तारूढ़ हो गए तो बलूनी ने भी दिल्ली की ठौर पकड़ ली और वे दिल्ली में प्रवक्ता की नईं भूमिका में अवतरित हो गए। मोदी अपने विश्वासियों को कभी भूलते नहीं, यह बताने के लिए इस दफे बलूनी को राज्यसभा से भी उपकृत कर दिया गया। |
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