बाबा की नादानी |
January 11 2015 |
राहुल गांधी के कई फैसलों को लेकर पार्टी में असंतोष के स्वर उभरने लगे हैं, मसलन कैप्टन अमरिंदर की जगह बाजवा को पंजाब में पार्टी की कमान सौंपना, इस बाबत कैप्टन ने दिल्ली आकर सोनिया से अपनी नाराज़गी जता दी है, अगला नंबर भूपिंदर सिंह हुड्डï का है, जाटों में जिनकी सरपरस्ती को नज़रअंदाज करते हुए हरियाणा में विपक्षी नेता की कमान किरण चौधरी को सौंप दी गई है, वैसे ही अगर राहुल झारखंड में झामुमो के साथ और जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के साथ चुनावी गठबंधन नहीं तोड़ते तो कांग्रेस का प्रदर्शन इन राज्यों में कहीं बेहतर हो सकता था, अकेले जम्मू-कश्मीर में कम से कम 8 विधानसभा सीटें ऐसी थी जहां कांग्रेस हजार मतों के कम अंतर से हार गई। वहीं कांग्रेस में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि राहुल जितनी भी स्क्रीनिंग कमेटी गठित करते हैं, उसमें दीपक वावरिया, प्रकाश जोशी और भंवर जितेंद्र सिंह के हाथों में ही कमान क्यों सौंप दी जाती है? भंवर जितेंद्र सिंह के साथ राहुल का एक खास रिश्ता तब से कायम है जब वे प्रियंका व रॉबर्ट के साथ छुट्टिïयां मनाने अक्सर जिम कार्बेट पार्क जाया करते थे और तब भंवर जितेंद्र के श्वसुर जिम कार्बेट के डायरेक्टर हुआ करते थे। |
Feedback |