‘ए’ का मिशन ‘जे एंड के’ |
August 23 2014 |
जम्मू-कश्मीर अमित शाह के एजेंडा में शुमार हो गया है। शाह यहां मिशन 44 की अलख जगा रहे हैं, जम्मू-कश्मीर की कुल 87 विधानसभा सीटों में 21 सीटों पर हिंदू मतदाताओं का बोलबाला है, 2 पर बौद्ध धर्मावलंबियों का प्रभाव है। इस वक्त राज्य में भाजपा के कुल 11 विधायक हैं, शाह यह संख्या 44 के पार ले जाना चाहते हैं। स्मृति ईरानी अभी-अभी वहां से लौटी हैं, अमित शाह भी शनिवार को वहां से हो आए हैं, रामलाल, राम माधव, जेपी नड्डा लगातार इससे जुड़े कार्य योजना पर काम कर रहे हैं, स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो महीनों में दो बार जम्मू-कश्मीर हो आए हैं। यानी अमित शाह व भाजपा की रणनीति से साफ हो गया है कि पार्टी इस बार वहां हार्ड-हिंदुत्व की लाइन पर चुनाव लड़ने वाली है और वह चाहती है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटों का बंटवारा नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस के बीच हो जाए। जरूरत पड़ी तो भाजपा 1987 के तर्ज पर कुछ छोटे दलों के साथ राज्य में अपना एक अलग गठबंधन भी बना सकती है। |
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