…और अंत में |
May 23 2016 |
बंगाल में इतनी बंपर जीत की ममता दीदी को भी कोई उम्मीद नहीं थी। गुरूवार की सुबह जिस रोज चुनाव के नतीजे आने थे दीदी बेहद शांत भाव में अपने करीबियों से घिरी बैठी थीं, नतीजों से पहले न तो वह किसी मंदिर के दर्शन को गईं और न ही किसी मस्जिद में शीश नवाया, सूत्र बताते हैं कि जगन्नाथपुरी के अपने खास ज्योतिषी से उन्होंने नतीजों से पहले जरूर एक लंबी बातचीत की। दीदी के घर में न तो कैटरर का इंतजाम था और न ही बम पटाके रखे गए थे। शाम के वक्त पार्टी ऑफिस में भी वहां मात्र झाल-मूढ़ी और चाय का इंतजाम था। दीदी के एक करीबी का दावा है कि अपनी नई पारी में दीदी का फोकस इस दफे बंगाल के विकास और लॉ एंड ऑर्डर पर रहेगा। केंद्र सरकार को वह संसद में मुद्दे आधारित समर्थन देने को तैयार है, पर इसके एवज में एनडीए सरकार को इसकी एक माकूल कीमत चुकानी होगी। |
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