आनंद से हैं आनंदी

January 24 2018


गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल से किया गया वादा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को निभाना ही पड़ा, अंततः उन्हें मध्यप्रदेश का नया गवर्नर नियुक्त करने का एलान हो चुका है। इससे पहले आनंदी बेन और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के दरम्यान शह-मात काएक लंबा दौर चालू था। गुजरात चुनाव में टिकट वितरण से लेकर सरकार के गठन व मंत्रालय के बंटवारे तक में आंनदी बेन की नाराजगी सिर चढ़कर बोलती रही। पटेल समुदाय से ताल्लुक रखने वाले और आनंदी बेन के करीबियों में शुमार होने वाले नितिन पटेल ने जब खुद को एक कम महत्व वाला मंत्रालय दिए जाने पर बगावत का झंडा बुलंद कर दिया तो उन्हें जाहिर तौर पर आनंदी बेन की सरपरस्ती हासिल हुई। सबसे पहले हार्दिक पटेल का फोन नितिन पटेल के पास पहुंचा तो नितिन ने कथित तौर पर व्हाटसअप कॉल करने को कहा, इस पर हार्दिक ने कहा कि इसमें छिपाने वाली कोई बात नहीं, दुनिया (मोदी-शाह) को जानना चाहिए कि इतनी विपरीत परिस्थितियों के बाद भी हम पटेल एक हैं। सूत्र बताते हैं कि इसके बाद आनंदी बेन के घर पटेल विधायकों की एक अहम बैठक हुई, जिस बैठक में 17 पटेल विधायकों की मौजूदगी बताई जाती है। कहते हैं इसके बाद शाह का आनंदी बेन को फोन गया कि- ‘आप ऐसा क्यों कर रही हैं?’ सूत्र बताते हैं कि इस पर आनंदी ने कहा- ‘आप अपने वादे पर टिके नहीं रहे, आप पटेल विरोधी हैं। आपने मेरे बेटे को टिकट नहीं दी, मेरी सीट पर मेरे विरोधी को टिकट दिया।’ कहते हैं इसके बाद कमान स्वयं मोदी को संभालनी पड़ी, तब जाकर आनंदी बेन ने हथियार डाले, जिसका इनाम अब जाकर उन्हें मिला है।

 
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