नेताजी के संकटमोचक अमर |
June 12 2016 |
अमर सिंह को पार्टी में एंट्री दिए जाने से रूठ कर आजम खां विदेश में छुट्टियां मनाने चले गए हैं, प्रोफेसर रामगोपाल भी गाहे-बगाहे नेताजी से अपनी नाराजगी दिखा रहे हैं, आंखें दिखा नहीं सकते क्योंकि उनका कोई खास राजनैतिक आधार नहीं। वहीं अमर हैं कि राज्यसभा मिलते ही नेताजी के बरसों पुराने सपने को परवान चढ़ाने में जुट गए हैं। नेताजी को 2019 के चुनाव में मोदी के समक्ष विपक्ष का सर्वमान्य चेहरा बनाने के लिए अमर ने अभी से अपनी कवायद शुरू कर दी है, वे नीतीश से बतिया रहे हैं, जयललिता व ममता पर डोरे डाल रहे हैं, अजीत सिंह का सपा के साथ चुनावी गठजोड़ की इबारत लिख रहे हैं, और अपने पुराने वामपंथी मित्रों से नए रिष्ते बना रहे हैं, मुलायम को इससे ज्यादा और चाहिए भी क्या? |
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