पॉवरफुल अदानी का पॉवर प्रोजेक्ट कमजोर जमीन पर

February 04 2017


10 बिलियन डॉलर के स्वामित्व वाला अदानी ग्रुप यूपी के महोबा के अपने पॉवर प्रोजेक्ट को लेकर किंचित मुश्किल में नज़र आता है, क्योंकि प्रदेश के वन विभाग ने अदानी की पॉवर कंपनियों पर वन व पर्यावरण कानून के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। अदानी की कंपनियों पर आरोप है कि उसने बगैर वन विभाग की अनुमति के 640 बीघा कृषि भूमि पर अंधाधुंध पेड़ काटे हैं। दरअसल पिछले ही वर्ष यूपी की अखिलेश सरकार ने बुंदेलखंड के महोबा जिले के चरखारी में अदानी ग्रुप की पॉवर कंपनी प्रयत्न डेवलपर्स को एक मेगा सोलर प्रोजेक्ट आबंटित किया था। राज्य सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद अदानी ग्रुप की 15 अलग-अलग कंपनियों ने यहां के 60 किसानों से 640 बीघा कृषि भूमि का अधिग्रहण किया। इन जमीनों पर अनेक प्रकार के वृक्ष पहले से लगे हुए थे और यूपी वन विभाग का मानना है कि इसमें से कुछ वृक्ष तो दुर्लभ किस्म के थे। वन विभाग उत्तर प्रदेश ‘प्रोटेक्षन ऑफ ट्री एक्ट, 1979’ का हवाला देते हुए कह रहा है कि ऐसे पेड़ों को काटने या गिराने के लिए अनुमति हासिल करनी जरूरी है। सनद रहे कि ये वही क्षेत्र है जहां 1 वर्ष पूर्व ही अखिलेश सरकार ने अपने हरित प्रदेश मिशन के तहत यहां 1 करोड़ से भी ज्यादा तादाद में पेड़ लगाए थे और इस पर करोड़ों के सरकारी धन का वारा-न्यारा भी हुआ था। 2008-09 में भी मायावती सरकार ने बुंदेलखंड में पानी की कमी और सूखे के प्रकोप को देखते हुए वृक्षारोपण करने के लिए यहां 500 करोड़ से भी ज्यादा की रकम खर्च की थी। अब यहां की स्थानीय एनजीओ भी इस सोलर प्रोजेक्ट के खिलाफ आवाज़े उठाने लगी है और पूछ रही है कि इस विकास की कीमत आखिर क्या होनी चाहिए?

 
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