| मोदी करीबियों के अच्छे दिन कब आएंगे? |
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June 21 2014 |
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सियासत जब रंग बदलती है तो तमाम दुश्वारियों को एक नया मुकाम मिल जाता है, पर पूर्र्ववत्ती यूपीए सरकार के लिए दुश्वारियों की नई इबारत लिखने वाले लोगों की एक लंबी फेहरिस्त है, जिनके लिए अच्छे दिन अभी आए नहीं हैं। मसलन, मधु किश्वर, राम जेठमलानी, सुब्रह्मण्यम स्वामी, बाबा रामदेव आदि-आदि। सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कथित तौर पर मोदी से मिल कर उनसे अनुरोध किया कि ‘मुझे कोई राोगार दे दो, नहीं तो एक बेराोगार के तौर पर मैं बहुत खतरनाक हो जाता हूं’ मााक-मााक में कही यह बात मोदी को कहीं गहरे चुभ गई, उन्हें लगा स्वामी अपरोक्ष तौर पर उन्हें धमकी दे रहे हैं। स्मृति ईरानी का इतना जोरदार विरोध मधु किश्वर के लिए भी घातक साबित हुआ है, मोदी के शपथ ग्रहण का निमंत्रण भी उन्हें बमुश्किल मिला था और अब तो जाहिरा तौर पर पीएमओ की ओर से सख्त हिदायत है कि किश्वर की किसी भी सिफारिश पर कान न धरा जाए। राम जेठमलानी का भी धड़ाधड़ चिट्ठियां लिखने में यकीन है, और ऐसी चिट्ठियां यदा-कदा मीडिया को ‘लीक’ भी हो जाया करती है, यह बात प्रधानमंत्री मोदी को बेहद नागवार गाुरती है। चुनाव प्रचार के दौरान बाबा रामदेव की कई भाव-भंगिमाएं मोदी को रास नहीं आई थी, सो अब अपने प्रति मोदी के बदले तेवर को देखकर बाबा अब ‘संन्यास मोड’ में आ गए हैं। सो, लगता है कि मोदी के कई चेहेतों के अच्छे दिन इतनी आसानी से नहीं आने वाले। |
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