‘आप’ तो ऐसे न थे! |
February 08 2015 |
भले ही संघ नेतृत्व आखिरी दम तक दिल्ली में भगवा कमल खिलाने के प्रयासों में जुटा रहा, पर कैडर में एक तरह का असंतोष साफ देखा गया, चुनांचे चुनाव के दिन भी कैडर न तो इस तरह अपने घरों में बाहर निकला और न ही मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक लाने में उस कदर बेकरार दिखा, जैसा 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान समां बंधा था, कईयों की सहानुभूति तो खुले तौर पर आप और केजरीवाल के साथ रही। दिल्ली के चुनाव के दो रोज पहले झंडेवालान स्थित संघ के दीनदयाल उपाध्याय संस्थान के गेट पर खड़े एक प्रहरी ने खुल्लम खुल्ला ‘आप’ की टोपी लगा रखी थी, पर उसे रोकने-टोकने वाला कोई नहीं था। |
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