Posted on 15 August 2022 by admin
सूत्रों की मानें तो भाजपा रणनीतिकारों ने कांग्रेस के ऐसे महत्वपूर्ण नेताओं की एक लिस्ट बनाई है, जिन नेताओं का एक से ज्यादा लोकसभा सीटों पर असर है। ऐसे नेताओं पर पहले तो डोरे डाले जा रहे हैं कि वे आएं और भाजपा ज्वॉइन कर लें। जो ऐसा करते हैं उनके लिए पुरस्कार की भी यथोचित व्यवस्था है। जो नहीं मानेंगे उनके लिए ईडी है न? ऐसे नेताओ के अतीत व वर्तमान को खंगाल कर सारा कच्चा चिट्ठा तैयार किया जा रहा है ताकि उनकी चाकचौबंद घेरेबंदी हो सके। सूत्रों की मानें तो कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डी शिवकुमार और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की बारी तो लगभग आ पहुंची है। बस अब ईडी को हरकत में आना है।
Posted on 15 August 2022 by admin
पिछले दिनों जब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सांसद में सोनिया गांधी को घेरा तो वाकई उन पलों में वह बेहद असहाय दिख रही थीं, उस वक्त सदन में मौजूद कांग्रेसी सांसदों में कोई क्यों नहीं उनके बचाव में आगे आया, यह भी एक बड़ा सवाल है। कांग्रेस के एक प्रमुख नेता और गांधी परिवार के बेहद करीबियों में शुमार होने वाले केसी वेणुगोपाल ने उस वाकये वाले रोज की संसद की तमाम फुटेज जब खंगाली तो उन्हें पता चला कि उस वक्त कांग्रेस के 8 सांसद सदन में ही मौजूद थे। इन 8 में से केरल के 5, पंजाब के 2 और बंगाल के 1 कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की मौजूदगी देखी जा सकती थी। वेणुगोपाल ने इन सांसदों को अलग-अलग बुला कर उनसे जवाब तलब किया। 8 में से 7 सांसदों के जबाव से वेणुगोपाल संतुष्ट नहीं बताए जाते हैं, सिवा बंगाल के कांग्रेसी सांसद अबु हसेन खान चौधरी के जिनका कहना था ’उनकी उम्र और उनके स्वास्थ्य ने उनका साथ नहीं दिया कि वे फौरन उठ कर जाते और सत्ता पक्ष से लोहा लेते।’ सनद रहे कि सोनिया के बचाव में सबसे पहले सदन के मार्शल आए और उनके पीछे-पीछे एनसीपी की सुप्रिया सुले।
Posted on 15 August 2022 by admin
चूंकि शनिवार को उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी थी, सो चुनाव के एक दिन पहले शुक्रवार को संसद के पुस्तकालय में भाजपा सांसदों के लिए एक ट्रेनिंग सत्र आहूत था, जिसमें संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी के नेतृत्व में सीनियर मंत्रियों का एक दस्ता वहां मजबूती से डटा था। जो भगवा सांसदों को बारीकी से वोटिंग की जानकारी दे रहे थे कि ’कैसे चयनित उम्मीदवार के समक्ष डॉट लगाना है, कैसे बैलेट पेपर को फोल्ड करना है और कैसे उसे बक्से में डालना है।’ भाजपा सांसद भी लोकतंत्र के अनुशासित छात्र के मानिंद अपने सीनियर के हर आदेश को शिरोधार्य कर रहे थे।
Posted on 15 August 2022 by admin
शुक्रवार को ही संसद में एक और नज़ारा देखने को मिला जब शहडोल से भाजपा सांसद हिमाद्री सिंह अपनी तय सीट छोड़ कर आगे की पंक्ति में जाकर बैठ गईं, उनकी इस गलती के लिए सबसे पहले उनका ध्यान खींचा विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने, इसके बाद टिहरी-गढ़वाल की महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह 37 वर्षीया हिमाद्री के पास उठ कर आईं और उनसे कहा कि ’क्या आपको मालूम है कि आप जिस सीट पर बैठी हैं कभी यहां प्रखर नेत्री सुषमा स्वराज बैठा करती थीं?’ हिमाद्री ने ’ना’ में सिर हिलाया। सनद रहे कि हिमाद्री 2019 में पहली बार सांसद चुनी गई हैं। 19 के चुनाव में भी यह अपने लिए कांग्रेस से टिकट मांग रही थीं, पर कांग्रेस ने कहा कि उन्हें यानी हिमाद्री को अपने पति को भी कांग्रेस ज्वॉइन करवानी होगी, पर हिमाद्री के पति जो उस वक्त भाजपा में थे इस बात के लिए तैयार नहीं हुए, तब हिमाद्री ने भाजपा के टिकट पर ही चुनाव लड़ लिया और कांग्रेस की अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी को चार लाख से ज्यादा वोटों से हराया। उस वक्त वह मां बनने वाली थीं, चुनाव प्रचार भी उन्होंने इसी हालत में किया। चुनाव जीतने के बाद उन्हें एक बेटी हुई। सनद रहे कि हिमाद्री के पिता दलवीर सिंह आदिवासियों के एक बड़े नेता में शुमार होते थे, वे गांधी परिवार के करीबी थे और कोई तीन बार केंद्र में मंत्री भी बने थे।
Posted on 15 August 2022 by admin
पिछले दिनों अमित शाह बिहार दौरे पर पटना गए थे, जहां बिहार भाजपा के तमाम मोर्चों की एक अहम बैठक भी आहूत थी। इसी मीटिंग के लिए भाजपाध्यक्ष जे पी नड्डा भी पटना गए थे जहां उन्होंने अपना वह चर्चित बयान दिया था कि ’भाजपा को छोड़ कर तमाम राजनैतिक पार्टियां खत्म हो जाएंगी’, इसके विरोध में वामपंथी दलों की कई छात्र ईकाइयों ने उनकी कार का भी घेराव किया था। इस मीटिंग में शामिल होने आए भाजपा के तमाम नेताओं से कहा गया था कि ’वे पटना के आसपास के किसी गांव में भाजपा कार्यकर्ता के घर प्रवास करें।’ पर सुरक्षा की दृष्टि से अमित शाह को पटना के एक पंचतारा होटल में ठहराया गया था। सूत्र बताते हैं कि इस दरम्यान अमित शाह के ऑफिस से नीतीश कुमार को दो बार फोन गया कि वे गृह मंत्री के साथ भोजन के लिए होटल पधारें। इस पर नीतीश ने कहा कि ’चूंकि अमित शाह जी हमारे राज्य में पधारे हैं, इस नाते वे हमारे अतिथि हैं सो वे हमारे घर भोजन के लिए आएं।’ पर किसी कारणवश शाह का सीएम आवास जाना नहीं हो पाया, बाद में यह खबर आई कि नीतीश कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
Posted on 15 August 2022 by admin
भाजपा की नज़र उन क्षेत्रीय दलों पर मजबूती से जमी है जिनके क्षत्रपों की तबियत कुछ ठीक नहीं चल रही। जैसे कर्नाटक के एक प्रमुख क्षेत्रीय दल जेडीएस प्रमुख कुमारस्वामी का स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं बताया जा रहा है। उन्हें अपनी इलाज के लिए बार-बार सिंगापुर जाना पड़ रहा है। डीएमके प्रमुख स्टालिन की तबियत भी नासाज़ बताई जा रही है, यह भी सुनने में आ रहा है कि डीएमके में स्टालिन के उत्तराधिकार की तलाश भी शुरू हो चुकी है। बीजद के नवीन पटनायक और शिवसेना के उद्धव ठाकरे के स्वास्थ्य को लेकर भी अक्सर अटकलों का बाजार गर्म रहता है।
Posted on 15 August 2022 by admin
कांग्रेस से जुड़े विश्वस्त सूत्रों की मानें तो 2024 के आम चुनाव में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा दोनों ही यूपी से चुनाव लड़ सकते हैं, पर इसके साथ राहुल अपना एक पैर केरल में भी बनाए रख सकते हैं। इसी बात को मद्देनज़र रखते अभी पिछले दिनों कांग्रेस ने इस बात की संभावनाओं को टटोलने के लिए कि ’अगर 24 में प्रियंका अमेठी में स्मृति का सामना करें और राहुल अपनी मां की सीट से रायबरेली से चुनाव लड़ें तो नतीजा क्या रहेगा’, अमेठी और रायबेरली में पिछले दिनों कांग्रेस के सौजन्य से एक जनमत सर्वेक्षण हुआ है। सर्वेक्षण के नतीजे किंचित चौंकाने वाले हैं कि अमेठी में तो भी प्रियंका का पलड़ा भारी रह सकता है, पर रायबरेली में बढ़त बनाने के लिए राहुल को सपा का साथ चाहिए होगा। मुमकिन है कि आने वाले कुछ दिनों में अखिलेश को लेकर कांग्रेस का एक बदला नज़रिया सामने आए।
Posted on 15 August 2022 by admin
इस शुक्रवार को संसद में एक दिलचस्प नज़ारा देखने को मिला, सत्र समाप्त होने के बाद अमित शाह कोई दर्जन भर सांसदों से घिरे, संसद से बाहर जाने के लिए अपनी कार की ओर बढ़ रहे थे। वहीं उनके पीछे-पीछे तमाम प्रोटोकॉल को धत्ता बताते हुए उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू तेजी से चले आ रहे थे, लगभग भागते हुए। पर सांसदों की भीड़ में घिरे शाह वेंकैया की आवाज सुन नहीं पाए, अपनी गाड़ी में बैठ कर वहां से आगे निकल गए, वेंकैया की उद्दात सियासी महत्वाकांक्षाओं को बहुत पीछे छोड़ते हुए।
Posted on 06 August 2022 by admin
’फलक पर इतनी वकत थी इस सितारे की
जब से चांद डूबा है ये सूरज हो गया है’
सियासत अक्सर महत्वाकांक्षाओं की गीली मिट्टी से ही आकार पाती है, पर कभी-कभी इस मिट्टी की तासीर इतनी अलग होती है कि वह कुम्हार रूपी जनता को भी चक्कर में डाल देती है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल खत्म होने में अभी पांच महीनों से भी ज्यादा का वक्त बचा है पर भगवा पार्टी ने अभी से उनके उत्तराधिकारी की तलाश शुरू कर दी है। इस कड़ी में सबसे ताज़ातरीन नाम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह का जुड़ गया है। अरूण सिंह पार्टी के शीर्ष पुरुषों के आंख-कान माने जाते हैं। यूपी के मिर्जापुर के रहने वाले अरूण सिंह यूं तो पेशे से सीए हैं, पर भगवा सियासत के जोड़-घटाव को उनसे बेहतर और कौन समझ सका है। छात्र राजनीति में हाथ आजमाने के बाद वे संघ से जुड़ गए, फिर शनैः शनैः उनकी भाजपा से यारी होती चली गई। रिश्ते में ये राजनाथ सिंह के साढू लगते हैं, जब 2013-14 के काल में राजनाथ पार्टी प्रेसिडेंट थे तो राजनाथ की अरूण जेटली से तकरार जगजाहिर थी, अरूण सिंह जेटली के भी करीबियों में शुमार होते थे, और उन्होंने इन दोनों नेताओं के बीच मनमुटाव मिटाने की पहल करते हुए एक के बाद एक कई ब्रेकफास्ट मीटिंग्स भी रखीं। अरूण सिंह 17 जून 2015 से भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी के पद पर तैनात हैं, इस नाते पार्टी की ओर से जारी हर आदेश पर उनके ही दस्तखत होते हैं। वे राज्यसभा सांसद होने के साथ भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं और उनके पास कर्नाटक और राजस्थान दो अहम राज्यों के प्रभार भी हैं। इससे पहले जब वे ओडिशा के प्रभारी थे तो राज्य में भाजपा कैडर को मजबूती देने में उन्होंने एक महती भूमिका निभाई थी। बतौर कर्नाटक प्रभारी येदुरप्पा की जगह बोम्मई को कर्नाटक का नया सीएम बनवाने का आइडिया भी उन्हीं का बताया जाता है। राजस्थान में भाजपा की आपसी कलह जब सतह पर आ गई तो उन्होंने वसुंधरा राजे गुट और सतीश पूनिया गुट में महत्वपूर्ण सुलह करवाई। ये लो-प्रोफाइल रहकर काम करना पसंद करते हैं उनकी यही बात पार्टी हाईकमान और संघ के बेहद मुफीद है। सूत्रों की मानें तो चूंकि नड्डा हिमाचल में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं सो वे अपनी नई पारी में एक बार फिर से मोदी कैबिनेट की शोभा बढ़ा सकते हैं। हालांकि अध्यक्ष पद की रेस में भूपेंद्र यादव और धर्मेंद्र प्रधान के नाम भी चल रहे हैं, पर कहते हैं इस दफे पार्टी हाईकमान किसी यूपी के चेहरे पर ही दांव लगाना चाहता है, इस नाते भी अरूण सिंह इस सांचे में सबसे फिट बैठते हैं।
Posted on 06 August 2022 by admin
कयासों के बाजार गर्म है कि आने वाले कुछ दिनों में रालोद नेता जयंत चौधरी भी अखिलेश को अलविदा कह भाजपा का दामन थाम सकते हैं। कहते हैं इन दिनों दोनों नेताओं के रिश्तों में खटास इस कदर बढ़ गई है कि अखिलेश ने जयंत का फोन उठाना भी बंद कर दिया है। वैसे भी अखिलेश इस दफे जयंत को राज्यसभा देने के पक्षधर नहीं थे, पर उन्हें अपनी पत्नी डिंपल और जयंत की पत्नी चारू की दोस्ती के आगे झुकना पड़ा था। राज्यसभा का टिकट देते हुए अखिलेश ने बकायदा जयंत से कहा था कि ’मेरे पास दिल्ली में बस यही पंडारा रोड वाला घर है, जब मैं दिल्ली में होता हूं तो पार्टी जनों से यहीं मुलाकात करता हूं, इसीलिए यह टिकट मैंने अपनी पत्नी के लिए बचा रखा था ताकि यह मेरा घर बचा रह जाए।’ इस पर जयंत ने हामी भरते हुए कहा था कि ’सांसद बनते ही वे इसी पंडारा रोड वाले घर के लिए अप्लाई कर देंगे जिससे यह घर अखिलेश के पास ही रह जाएगा।’ बात पक्की हो गई, पर सांसद बनते ही जयंत ने जो पहला काम किया कि उन्होंने अपने नाम शाहजहां रोड पर एक घर अलॉट करा लिया, यह बात अखिलेश को अंदर तक चुभ गई और उन्होंने जयंत से एक दूरी बना ली और आज दूरियां इस कदर दिलों की बढ़ चुकी हैं कि अखिलेश ने इन दिनों जयंत का फोन उठाना भी बंद कर दिया है।