Posted on 03 October 2021 by admin
धर्मांतरण के ताज़ा मामले में यूपी एटीएस ने ‘ग्लोबल पीस सेंटर’ के अध्यक्ष मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिफ्तार कर लिया है। सनद रहे कि ये वही मौलाना हैं जो इस 7 सितंबर को मुंबई में आयोजित ’राष्ट्र प्रथम और राष्ट्र सर्वोपरि’ कार्यक्रम में शामिल हुए थे और इन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ स्टेज शेयर किया था, एटीएस ने खुलासा किया है कि मौलाना को अवैध धर्मांतरण के लिए विदेशों खास कर खाड़ी देशों से काफी पैसे मिल रहे थे। सूत्र खुलासा करते हैं कि मौलाना ने संघ प्रमुख का सानिद्धय प्राप्त करने के लिए मुंबई के उस कार्यक्रम में भी 8-10 लाख रूपयों की मोटी रकम चंदे के तौर पर दी थी। यह भी कहा जा रहा है कि मौलाना को इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता मोहन भागवत के चचेरे भाई अनंत भागवत की ओर से प्राप्त हुआ था यानी यूपी एटीएस के बहाने योगी ने संघ के समक्ष अपने इरादे साफ कर दिए हैं।
Posted on 03 October 2021 by admin
पीएम मोदी ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के समय पिछले दफे कोई 15 किलोमीटर का रोड शो किया था। अब यह एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है तो नवरात्रि के दूसरे दिन यानी 8 अक्टूबर को पीएम का इस एक्सप्रेसवे पर एक और रोड शो करने का कार्यक्रम है। लेकिन इसमें एक समस्या आ गई है डासना से मेरठ के बीच भारी बारिश की वजह से इस नई-नई बनी सड़क का बुरा हाल हो गया है, यह टूट कर जर्जर हो गई है। कारण बताया जा रहा है कि भारी बारिश की वजह से मिट्टी कटान के वजह से यह सड़क धराशयी हो गई है। जगह-जगह धंस भी गई है। इस एक्सप्रेसवे की कुल लागत 8,346 करोड़ रूपए बताई गई है। कमोबेश यही हाल भोपाल की ताज़ा-ताज़ा बनी रोड का भी हुआ है, जो पहली बारिश भी नहीं झेल पाई, नितिन गडकरी ने इस पूरे मामले के जांच के आदेश दे दिए हैं। गडकरी ने एक बार कहा था कि ’उन्हें मालूम है कि निर्माण कार्य में कमीशन जाता है, पर उनकी कोशिश है कि इस पर लगाम लगे।’ अब से पहले तक एक किलोमीटर रोड की लागत 4-6 करोड़ रूपए आती थी, अब इसकी निर्माण लागत बढ़ कर प्रति किलोमीटर 20 करोड़ रूपयों तक पहुंच गई है, पर इसकी गुणवत्ता का क्या हाल है यह तो आपके सामने ही है।
Posted on 03 October 2021 by admin
बिहार के भाजपाई उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद पर सरकारी योजनाओं के ठेके अपने बेटे और परिजनों के बीच बांटने के आरोप लगे हैं। आरोप है कि प्रसाद ने ‘नल जल योजना’ के तहत 53 करोड़ के टेंडर का बंदरबांट अपने बेटे और रिश्तेदारों में कर दिया। इस बात को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खासे कुपित बताए जाते हैं। नीतीश ने तारकिशोर को हटाने का भरपूर दबाव भाजपा शीर्ष पर बना दिया है। नीतीश ये कहते घूम रहे हैं कि ’भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही उनका तेजस्वी यादव की राजद से संबंध विच्छेद हो गया था, क्योंकि वे भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करते।’ नीतीश ने बातों ही बातों में भाजपा को घुड़क दिया है कि ’अगर आप कुछ नहीं करेंगे तो हमारे पास दूसरा ऑप्शन भी है।’ भाजपा नेतृत्व की ओर से नीतीश को आश्वासन प्राप्त हुआ है कि एक बार यह मामला शांत होने पर वे अपने दोनों डिप्टी सीएम यानी तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को सिरे से बदल देगा। जाहिर है बिहार में भाजपा को अब अपने लिए नए डिप्टी सीएम की तलाश है।
Posted on 03 October 2021 by admin
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद प्रवीण ऐरन 15 साल पुराने एक मामले में फंसते नज़र आ रहे हैं। 15 साल पहले जोगी नवादा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र पर उनका लाइसेंसी रिवॉल्वर लहराने का मुद्दा एक बार फिर से गर्मा गया है। 2006 के तत्कालीन जिलाधिकारी और वर्तमान में केंद्रीय इलेक्ट्रोनिक्स व सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय में संयुक्त सचिव और सीनियर आईएएस भुवनेश कुमार की कोर्ट में गवाही देने से मामले में एक निर्णायक मोड़ आ गया है। तब उक्त सीट से प्रवीण ऐरन की पत्नी सुनीता ऐरन मेयर का चुनाव लड़ रही थीं। उनके खिलाफ पप्पू गिरधारी का भतीजा भी चुनाव लड़ रहा था। जब ऐरन ने कथित तौर पर अपना लाइसेंसी रिवॉल्वर निकाला तो प्रशासन ने तब उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया था।
Posted on 03 October 2021 by admin
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएस यात्रा में भारतीय पत्रकारों का भी एक बड़ा दल अमरीका पहुंचा है। सूत्रों की मानें तो इन भारतीय पत्रकारों को पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बाद भी बड़ी मुश्किल से अमरीका का वीसा मिला है। कारण था कि ज्यादातर भारतीय पत्रकारों ने ’कोवैक्सीन’ लगवा रखी थी, जिसे अमरीका में मान्यता प्राप्त नहीं है। तब मोदी ने अमेरिकी प्रशासन से अनुरोध किया कि इन पत्रकारों को ‘डिप्लोमेटिक इम्युनिटी’ दी जाए, तब कहीं जाकर इन पत्रकारों को वीसा मिल सका
Posted on 03 October 2021 by admin
’तेरी नादानियों की कहानियां सुना है सदा की जुबानियां
जैसे पतझड़ के मौसम में दूर तक फैली हैं उदासियां’
अगले साल होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर जहां प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा अपने डैमेज कंट्रोल अभियान में जुटी है, यानी मुख्यमंत्री, मंत्री से लेकर चपरासी तक बदल दिए गए हैं, वहीं कांग्रेस इस मौके को भुनाने में अशक्त जान पड़ती है। पार्टी में गुजरात मामलों के विशेषज्ञ माने-जाने वाले अहमद पटेल को पिछले साल कोरोना ने लील लिया। गुजरात प्रभारी राजीव सातव भी कोरोना के ही शिकार बन गए। निकाय चुनाव में पराजय का मुंह देखने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा और नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी ने इस मार्च में ही अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था, छह महीने होने को आए हैं, न कांग्रेस को गुजरात में नया पार्टी अध्यक्ष मिला है और न ही प्रभारी, फिर भी आरजी का तुर्रा है कि ’इस बार वे यहां भाजपा को धूल चटाएंगे।’ कांग्रेस के मुकाबले आम आदमी पार्टी की तैयारियां यहां ज्यादा पुख्ता नज़र आ रही हैं। गुजरात में पार्टी न केवल बेहद सक्रिय है, बल्कि एक रीजनल न्यूज चैनल ‘वीटीवी’ के मालिक को आप ने यहां अपना पार्टी का फेस भी बना दिया है। दिल्ली से आकर आप के बड़े नेता यदा-कदा यहां धमा-चौकड़ी भी मचा जाते हैं, वहीं राहुल-प्रियंका की जोड़ी ने लगता है गुजरात को बिसरा ही रखा है।
Posted on 03 October 2021 by admin
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यूं अचानक इस्तीफा देकर पंजाब का सियासी माहौल गर्मा दिया है, पीएम मोदी से उनकी निकटता को देखते हुए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वे भगवा चोला भी ओढ़ सकते हैं। वहीं आम आदमी पार्टी से भी मनीष तिवारी के मार्फत उनके तार बकायदा जुड़े हुए हैं। सिद्धू के परिदृश्य में आने के बाद से ही लगातार पार्टी में कैप्टन का विरोध बढ़ता जा रहा था, कहते हैं कि पंजाब के कोई 63 कांग्रेसी विधायकों ने उनके खिलाफ विरोध का बिगूल फूंक रखा था। कयास लगाए जा रहे हैं कि फिलहाल सुनील जाखड़ को मुख्यमंत्री पद का जिम्मा सौंपा जा सकता है। कैप्टन को इस बात का बकायदा इल्म हो चुका था कि उनके कद को कांटने-छांटने की जो पूरी मुहिम थी उसे दिल्ली का समर्थन हासिल था, जिसकी अगुवाई सिद्धू कर रहे थे। राहुल-प्रियंका भी कैप्टन की अहंकारवादी शैली से खफा-खफा थे, कैप्टन किसी की सुनते नहीं थे, बस अपनी मन की करते थे। कुछ गिने-चुने विधायकों को छोड़ कर कांग्रेस के अधिकांश विधायकों की उनके पास पहुंचने की हिम्मत भी नहीं होती थी। कांग्रेस षीर्श ने इस बात का बखूबी आकलन कर लिया था कि कैप्टन के पार्टी छोड़ने से उन्हें आने वाले विधानसभा चुनाव में कितना नुकसान उठाना पड़ेगा। सूत्र यह भी खुलासा करते हैं कि अगर कैप्टन ने एक बार भाजपा ज्वॉइन कर ली तो मोदी सरकार तीन कृषि कानूनों को रद्द कर कैप्टन के नेतृत्व में वहां चुनाव लड़ सकती है। क्योंकि पंजाब में भाजपा का कोई खास जनाधार नहीं है।
Posted on 03 October 2021 by admin
गुजरात में भाजपा नेताओं के एक वर्ग में गुस्सा उबाल मार रहा है कि दशकों से वे कमल को सिंचित करने में अपना खून-पसीना लगा रहे हैं पर जब मुख्यमंत्री बनने की बारी आती है तो सर्वशक्तिमान किसी अनजाने से चेहरे पर दांव लगा देते हैं, जैसा कि कर्नाटक में बासवराज बोम्मई के चुनाव में हुआ, उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी का नंबर कैसे लग गया किसी को कानों कान खबर न हुई। अब हिमाचल और हरियाणा में भी सीएम बदलने के कयास सुने जा रहे हैं। रही बात गुजरात की तो यहां सीएम बदलने के बाद अब गाज भाजपा विधायकों पर गिरने वाली है, सूत्र बताते हैं कि दिल्ली और छत्तीसगढ़ वाला फार्मूला अब गुजरात में भी दुहराया जाएगा। सूत्रों की मानें तो केवल 5 फीसदी वर्तमान विधायकों को ही दुबारा टिकट दिया जाएगा यानी 90 फीसदी भगवा विधायकों की टिकट काटने की तैयारी है। गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के कुल 112 विधायक हैं, यानी इस गणना के मुताबिक तकरीबन 101 विधायकों के टिकट कट सकते हैं। भाजपा कर्णधारों का मानना है कि एंटीकम्बेंसी सरकार में व्यक्ति विशेष से होती है, तो व्यक्ति बदल दो तो मतदाताओं की नाराज़गी भी खत्म हो जाती है।
Posted on 03 October 2021 by admin
जब से केजरीवाल ने यह घोषणा की है कि आप अगर पंजाब में सत्ता में आती है तो वह कोई सिख सीएम देगी तब से आप के पंजाब से एकमात्र सांसद भगवंत मान की बेकरारी बढ़ती जा रही है, वे लगातार पार्टी पर दबाव बना रहे हैं, पर केजरीवाल हैं कि वे टस से मस नहीं हो रहे हैं, वे बतौर सीएम एक ऐसा व्यक्ति चाहते हैं जिनके बारे में मीडिया में कुछ भी निगेटिव नहीं आया हो। सुरक्षा बल के पूर्व विशेष महानिदेशक एनपीएस औलख, समाजसेवी और व्यवसायी एसपीएस आबेरॉय, इकोबाबा के नाम से मशहूर एक्टिविस्ट बलवीर सिंह सींचेवाल के अलावा भारतीय हॉकी टीम के एक पूर्व कप्तान के नाम पर भी विचार चल रहा है।
Posted on 03 October 2021 by admin
पिछले दिनों दिल्ली में झमाझम बारिश के बाद जगह-जगह सड़कें जब गटर में समाहित हो गई तो भाजपा युवा मोर्चा के नेता तजिंदर बग्गा ने दिल्ली की ड्रेनेज सिस्टम की बदहाली के बहाने मुख्यमंत्री केजरीवाल पर हमला बोलते हुए भरे पानी में अपनी नाव उतार दी। अब बग्गा जी की नाव से प्रभावित होकर यूपी वाले खास कर लखनऊ और वाराणसी के लोगों ने भी उनसे गुहार लगा दी कि ’वे अपनी नाव छपाक से बनारस और लखनऊ के पानी में भी उतार दें।’ प्रधानमंत्री रहते एक बार डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि ’उनकी इच्छा भी मुंबई को शंघाई बनाने की है, पर इसमें पैसा बहुत लगता है,’ योगी जी का कमाल देखिए उन्होंने बगैर पैसा खर्च किए वाराणसी और लखनऊ को वेनिस बना दिया।