जावड़ेकर के 100 दिन |
October 23 2016 |
बीते शुक्रवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिवाली के मौके पर अपने घर पत्रकारों के संग ’चाट पे चर्चा’ रखी, सबसे खास बात यह कि इस आयोजन में मैडम जावड़ेकर भी शरीक हुईं। पत्रकारों के संग चाय की चुस्कियां लेते मंत्री जी जब अपने विभाग की 100 दिनों की उपलब्धियां गिना रहे थे, ऐन मौके पर मौजूद पत्रकारों के बीच एक पत्रिका का वितरण भी हुआ, मानव विकास मंत्री के तौर पर मेरे 100 दिन। फिर पत्रकारों को इस पत्रिका की संकल्पना के पीछे की कहानी पता चली। दरअसल, जावड़ेकर विदेश मंत्रालय के एक कार्यक्रम में गए थे, जहां उपस्थित महत्त्वपूर्ण लोगों का परिचय उद्घोशिका दे रही थी। जब जावड़ेकर का नंबर आया तो यकबयक उद्घोशिका बोल पड़ीं-’यह हैं हमारे पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर।’ उसी वक्त जावड़ेकर ने तय कर लिया कि वह एक प्रकाशन का प्रारूप तय करेंगे और पुस्तिका को ज्यादा से ज्यादा लोगों में वितरित किया जाएगा, ताकि लोग जान सकें उनका कल का पर्यावरण मंत्री अब देश को शिक्षा की खुराक पिला रहा है। जाहिर है इसकी शुरूआत पत्रकारों से हुई। |
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