स्वराज का दक्षिण में आगाज

April 17 2011


भाजपा के लिए एक अच्छी खबर हो सकती है कि इस दफे केरल व तमिलनाडु में भी उनका खाता खुल जाए। भाजपा के चंद शीर्ष रणनीतिकारों ने अपनी एक सोची-समझी रणनीति के तहत ही सुषमा स्वराज को दक्षिण भेजने का फैसला किया था, पर सुषमा ने दक्षिण में प्रचार की कमान संभालते ही अपनी खास आक्रामक शैली में सुदूर केरल व तमिलनाडु में भी कमल के प्रस्फुटन के आगाज की जमीन तैयार कर दी है। आज हालत यह है कि कभी कन्नड़ की माहिर वक्ता माने जाने वाली सुषमा 12 मिनट तमिल में और 18 मिनट मलयालम में धाराप्रवाह भाषण दे सकती हैं। मलयालम सुषमा को ज्यादा सहज लगती है चूंकि उनका मानना है कि यह भाषा अपने मूल रूप में संस्कृत की ज्यादा सहोदरी है। चुनांचे दक्षिण के चुनाव प्रचार में सुषमा का एक दिन तमिल को तो एक दिन मलयालम को समर्पित रहता था। फिलवक्त तो वह दिल्ली लौट आई हैं जहां हिंदी बोलने का फिर से अभ्यास कर रही हैं।

 
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