संघ की दुविधा |
September 18 2009 |
संघ पार्टी पदों से अडवानी की रुखसती भी चाहता है और लगे हाथ उनसे यह भी अपेक्षा रखता है कि भाजपा चलाने में अडवानी संघ को सहयोग करे। यानी संघ का निवेदन बड़ा ही स्पष्ट है कि ‘बारात में पगड़ी पहनकर तो जाओ, पर दूल्हे की नहीं।’ संघ यह भी नहीं चाहता कि अडवानी रिटायर होकर घर बैठ जाए और यह भी नहीं चाहता कि अडवानी सक्रिय राजनीति में पहले की ही भांति सक्रिय बने रहे। बिचारे अडवानी आखिर करें तो क्या? |
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