श्रीनिवासन के बहाने सियासत

June 04 2013


‘इंडियन पाप लीग’ यानी आईपीएल के ाख्मों को कुरेदने में और उसे हवा देने में यूपीए सरकार भी पीछे नहीं है। श्रीनिवासन पर इस्तीफे का दबाव बनाने के लिए बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष व सचिव के इस्तीफे के बाद इसके उपाध्यक्ष भी लामबध्द हो गए हैं। अगर इस क्रिकेट के हम्माम में सभी नंगे हैं तो कांग्रेस इसको लेकर दोहरा मापदंड क्यों अपना रही है? एक ओर तो कांग्रेसियों का श्रीनिवासन पर सीधा हमला निरंतर जारी है, वहीं वह अपने मंत्री और आईपीएल कमिश्नर राजीव शुक्ला का बचाव भी कर रही है। दरअसल, केंद्र सरकार डीएमके को एक जोर का झटका देना चाहती है, सो उसके निशाने पर बीसीसीआई अध्यक्ष श्रीनिवासन हैं, जो डीएमके के करीबियों में शुमार होते हैं। शायद यही वजह है कि फिक्सिंग विवाद के इतने दिन गुजरने के बाद कांग्रेसी मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान आया और उन्होंने श्रीनिवासन को पद छोड़ने को कहा। वैसे भी आईपीएल एक भरपूर दूध देने वाली गाय है सो, शरद पवार भी इतने एक्टिव हैं। रही बात सिंधिया की तो उनकी इमेज अच्छी है और कांग्रेस अगस्त के अंत तक उन्हें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर सकती है।

 
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