शीतकालीन सत्र बुलाने की जल्दी

September 29 2013


कांग्रेस संसद का शीतकालीन सत्र वक्त से पहले बुलाना चाहती है। कायदे से यह सत्र नवंबर के तीसरे सप्ताह से 22 दिसंबर तक आहूत रहता है, 2009 के आम चुनाव के वक्त भी 2 मार्च 2009 को देश में चुनावी ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ लागू हुआ था और उसी परिप्रेक्ष्य में संसद का बजट सत्र 10 दिनों के लिए बुलाया गया था। सरकार से जुड़े सूत्र स्पष्टï करते हैं कि इस दफे भी संसद का नियमित बजट सत्र नहीं बुलाया जाएगा और बजट की जगह ‘एप्रेप्रिएशन बिल’ पास करवाया जाएगा ताकि देश का आर्थिक कामकाज सुचारू रूप से चलता रहे। इसी दरम्यान संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को राष्टï्रपति संबोधित कर सकते हैं, और सदस्य राष्टï्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पास कर सकते हैं। दरअसल, जिस तरह देश एक आर्थिक बदहाली की दिशा में बढ़ रहा है यूपीए सरकार ऐसे में कोई बजट लेकर नहीं आना चाहती और चंद महत्त्वपूर्ण विधेयकों को संसद के शीतकालीन सत्र में आनन-फानन में पास करवा लेना चाहती है, जिसमें स्ट्रीट वेंडर बिल से लेकर तेलांगना बिल तक शामिल है। यही वजह है कि सरकार के कर्णधार शीतकालीन सत्र पहले लाना चाहते हैं।

 
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