| विदेश मंत्रालय को लेकर खींचतान |
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July 09 2012 |
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एस.एम.कृष्णा के ऊपर रुखसती की तलवार लटक रही है। यूं तो उनके पास गवर्नर बनने का ऑफर आया है पर इसके लिए वे किंचित तैयार नहीं दिखते। सो, उनके लिए बीच का रास्ता निकाला जाएगा और बहुत मुमकिन है कि उन्हें कर्नाटक कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए। अब सवाल अहम है कि अगर कृष्णा चलता किए जाते हैं तो विदेश मंत्रालय का जिम्मा किसे मिलेगा? विदेश मंत्रालय को लेकर दो धुरंधरों के बीच कड़ी प्रतिस्पध्र्दा है। ये धुरंधर हैं आनंद शर्मा और सलमान खुर्शीद। आनंद शर्मा की पिछले काफी समय से विदेश मंत्रालय पर नजर है। क्योंकि इनका ससुराल साऊथ अफ्रीका में है, पत्नी लंदन में रहती हैं और शर्मा जी को हिंदुस्तां के मुकाबले बाहर की आबोहवा ज्यादा रास आती है। सलमान खुर्शीद ने बतौर कानून मंत्री खुद को ‘प्रूव’ किया है। सो, वे भी इनाम चाहते हैं। नफीस अंग्रेजी बोलते हैं, मुस्लिम हैं, जेंटलमैन पहनावा-ओढ़ावा है। सो, वे खुद को एक आदर्श विदेश मंत्री के तौर पर पेश कर रहे हैं। कांग्रेसी सर्वशक्तिमान अहमद पटेल और उनके खेमे ने एक शिगूफा जोर का उछाला हुआ है कि इस दफे दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कराया जा सकता है। पर कांग्रेस अब तलक दिल्ली में श्रीमती दीक्षित का विकल्प नहीं ढूंढ पाई है। सो, ऐसे में उन्हें यहां से चलता करना इतना आसान नहीं होगा। |
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