मोदी हैं कि मानते नहीं |
January 13 2010 |
आसाराम बापू पिछले दिनों अडवानी से मिले और मदद की गुहार लगाई। चतुर सुजान अडवानी ने आदतन अपने हाथ यूं ही झाड़ लिए-‘बापू, आपको मालूम है कि वो (मोदी) किसी की सुनता नहीं, मेरी भी नहीं।’ सो बापू के एक नए तारणहार बनकर अवतरित हुए विहिप के अशोक सिंघल, उन्होंने मोदी से मिलने का वक्त मांगा तो मोदी ने उन्हें अपने घर बुला लिया, सिंघल साहब को एक भव्य ड्राईंग रूम में बिठाया गया, तयशुदा वक्त पर मोदी वहां उपस्थित हुए, उन्हें देखकर वहां सोफे पर बैठे सिंघल भी खड़े हो गए, बिना किसी औपचारिक दुआ सलाम के मोदी ने अपने शब्दबाण दाग दिए-‘क्यों अपनी तपस्या भंग करने लगे हैं अशोक जी?’ यह कहकर मोदी अपने अंदर के कमरे की ओर बढ़ लिए, सिंघल को तन्हा छोड़। |
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